डीएनए हिंदी: कभी ऐसा भी होता है कि एक व्यक्ति की मौत के साथ ही एक भाषा का भी अंत हो जाता है. दक्षिण अमेरिकी देश चिली (Chile) से जुड़ी एक प्राचीन भाषा का अंत ऐसे ही हुआ. इसे बोलने वाली आखिरी महिला की बीते बुधवार को मौत हो गई. 93 वर्षीय क्रिस्टीना काल्डेरोन (Cristina Calderon) को आदिवासी यगान समुदाय की यमाना भाषा में महारत हासिल थी. 2003 में अपनी बहन की मृत्यु के बाद, वह दुनिया की आखिरी ऐसी शख्स थीं, जो इस भाषा को बोल सकती थीं.
अनुवाद के साथ तैयार किया था शब्दकोष
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिस्टीना काल्डेरोन (Cristina Calderon) ने अपने ज्ञान को संजोने के लिए स्पेनिश भाषा में अनुवाद के साथ एक शब्दकोश तैयार किया था. लेकिन अब यमाना बोलने वाला कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं है. काल्डेरोन की बेटी लिडिया गोंजालेज ने अपनी मां के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उनके साथ हम लोगों की संस्कृति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी चला गया है. गोंजालेज वर्तमान में चिली में नए संविधान का मसौदा तैयार करने वाले प्रतिनिधियों में शामिल हैं.
समुदाय के लोग नहीं बोलते यमाना भाषा
अभी भी यगान समुदाय के कुछ दर्जन लोग जीवित हैं, लेकिन वे अपनी मूल भाषा नहीं बोलते. उनकी पीढ़ियों ने इसे सीखना बंद कर दिया था, क्योंकि ये बेहद कठिन है और इसके शब्दों की उत्पत्ति का निर्धारण करना भी मुश्किल है. कुल मिलाकर क्रिस्टीना ही एकमात्र ऐसी महिला थीं, जो इस भाषा को जिंदा रखी हुई थीं. उनके जाने के साथ ही एक तरह से यमाना भाषा का अंत हो गया है.
मोजे बुनकर बेचती थीं
क्रिस्टीना काल्डेरोन चिली के विला उकिका शहर स्थित एक साधारण से घर में रखती थीं और जीवनयापन के लिए मोजे बुनकर बेचा करती थीं. इस शहर को यगान लोगों ने बसाया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यमाना भाषा अर्जेंटीना और चिली के बीच टिएरा डेल फुएगो नामक एक द्वीप पर रहने वाले आदिवासियों द्वारा बोली जाती थी.
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