Uyghur Muslims पर चीन के दस्तावेज लीक, टॉर्चर की हर हद पार होती है डिटेंशन कैंप में

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 25, 2022, 11:11 PM IST

फाइल फोटो

China Uyghur Muslims चीन में उइगरों पर अत्याचार की खबरें आम हैं. दस्तावेजों में हैरान करने की हद तक की जाने वाली कठोर कार्रवाइयों का पता चला है.

डीएनए हिंदी: चीन के शिंजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों पर होने वाले अत्याचार से जुड़ी फाइलें लीक हुई हैं. इन लीक दस्तावेजों से पता चल रहा है कि अल्पसंख्यक समुदाय पर चीन में किस तरह की ज्यादती दिखाई जा रही है. कैंपों में रखे उइगर मुसलमानों को खूब टॉर्चर किया जाता है. इतना ही नहीं उनके पास से कुरान, धार्मिक किताब पढ़ने से जुड़ी चीजें तक छीन ली जाती हैं. दस्तावेजों में ये भी पता चला है कि भागने वालों को गोली मारने का आदेश भी है. 

डिटेंशन सेंटर की तस्वीरें हुई लीक 
इन लीक दस्तावेज ने पूरी दुनिया को हैरान करके रख दिया है. मानवाधिकार संगठन पहले भी कई बार चीन के डिटेंशन सेंटर में उइगरों पर अत्याचार का दावा कर चुका है. लीक दस्तावेजों के मुताबिक उइगरों को अपनी धार्मिक पहचान मिटाने के लिए मजबूर किया जाता है.

इन दस्तावेजों में हजारों लोगों की तस्वीरें है, जिन्हें जबरन कैद किया गया है। इन लोगों पर किस तरह की हिंसा हो रही है और उन्हें किस तरह कैद किया गया है इसे देख दुनिया हैरान है. चीन पर रिसर्च करने वाले शोधकर्ता एड्रियन ज़ेन्ज़ ने इन फाइलों को ऑनलाइन अपलोड किया है. इन दस्तावेजों से पता चला है कि चीन मुस्लिमों से कुरान समेत सभी धार्मिक चीजें जब्त कर रहा है.

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चीन में रहते हैं 10 लाख से ज्यादा मुस्लिम
एड्रियन ने कहा कि चीन ने लगभग 10 लाख से ज्यादा उइगर मुस्लिमों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को डिटेंशन सेंटर और जेलों में कैद कर रखा है. इन सेंटर में उन्हें रहने के लिए बहुत छोटी जगह दी जाती है और उन्हें शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना भी दी जाती है. 

चीनी दस्तावेजों में इसे ट्रेनिंग सेंटर कहा गया है, इन फाइलों में शिनजियांग में कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सचिव चेन क्वांगुओ का 2017 का एक भाषण शामिल है. भाषण में वह डिटेंशन सेंटर से भागने की कोशिश करने वालों पर गोली चलाने का आदेश दिया था.

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बीजिंग ऐसे आरोपों को नकारता रहा है
चीन की सरकार की ओर से हमेशा ही इस तरह के आरोपों को नकारा जाता रहा है. चीनी प्रशासन का कहना है कि ट्रेनिंग सेंटर में नागरिकों को राज्य के लिए वफादार रहने और बेहतर नागरिक बनने की शिक्षा दी जाती है. 

डिटेंशन सेंटर को ट्रेनिंग सेंटर का नाम देकर चीनी प्रशासन इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ मुद्दा भी कहता आया है. चीन के विदेश मंत्री ने इन दस्तावेजों को नकार दिया है और कहा कि मीडिया के जरिए चीन विरोधी ताकत झूठ फैला रही हैं. 

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