China-Bhutan Relation: पड़ोसी देश से भारत की नजदीकियां चीन को नहीं आ रही रास, भूटान को दी धमकी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 12, 2022, 07:58 AM IST

China-Bhutan Relation

China-Bhutan Relation: चीन और भूटान के बीच 1949 से रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं. उस दौरान चीन ने तिब्बत पर आक्रमण किया था. तब भारत ने मदद की थी.

डीएनए हिंदी: पड़ोसी देशों से बढ़ रही भारत की नजदीकियां चीन को रास नहीं आ रही है. यही वजह है कि वह पड़ोसी देश भूटान (Bhutan) को धमकाने लगा है. भारत के साथ गठबंधन करने को लेकर ड्रैगन ने भूटान को धमकी दी है. नेपाल की एपर्डाफास.कॉम ने एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ये जानकारी दी. रिपोर्ट में कहा गया कि क्षेत्रीय विवादों को भड़काने के लिए चीन (China) अब भूटान को परेशान कर सकता है. 

चीन और भूटान के बीच 1949 से रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं. उस दौरान चीन ने तिब्बत पर आक्रमण किया था. चीनी नेता माओ त्झ-तोंग के आदेश पर चीन ने भूटान के 300 वर्ग मील क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया था और नक्शे में इसे चीन का हिस्सा बताया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. तभी भूटान ने भारत से मदद की गुहार लगाई. भारत ने 1961 में भूटानी सुरक्षाबलों को प्रशिक्षित करने के लिए पड़ोसी देश में अपनी सैन्य प्रशिक्षण टीम (IMTRAT) तैनात करने का फैसला किया. तब से अब तक भारत भूटान की लगातार मदद करता आ रहा है.

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भारत शिक्षा के क्षेत्र में भी भूटान को 2018 से 2023 की अवधि में 4,500 करोड़ रुपये का अनुदान और 400 करोड़ रुपये की संक्रमणकालीन व्यापार सहायता सुविधा (Transitional Trade Support Facility) प्रदान करेगा जो दोनों के बीच इकॉनोमिकल लिंक को मजबूत करेगा. इसी साल सितंबर में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक (Jigme Khesar Namgyel Wangchuck) भारत के दौरे पर आए थे. इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई थी. यही वजह है कि चीन को शायद दोनों देशों के घनिष्ठ संबंधों से हो रहा है. इसलिए  उसने अब भूटान (Bhutan) को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. 

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भारत-भूटान के बीच अच्छे संबंध
भारत व्यापार, शिक्षा, जलविद्युत और सामाजिक-आर्थिक विकास सहित व्यापक क्षेत्रों में भूटान को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करता आया है. भूटान के लिए भारत निर्यात के लिए बड़ा बाजार रहा है. फिर चाहे कपड़े हो या खिलौने हर तरह का सामान भूटान भारत के बाजारों में बेचता आया है. दोनों देशों के बीच भूटान में 10,000 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना विकसित करने पर भी करार किया गया है.

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