डीएनए हिंदी: बीते मंगलवार को दुनिया की जानी मानी संस्था 'ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल' (Transparency International) ने 'करप्शन परेसेप्शन इंडेक्स' (CPI) जारी किया. इस इंडेक्स में दुनिया के 180 देशों को शामिल किया गया है.
CPI इंडेक्स के मुताबिक, भारत में भ्रष्टाचार की हालत पिछले साल जैसी ही है, यानी इसमें कोई कमी देखने को नहीं मिली है. इस तरह वह भ्रष्टाचार के मामलों में 180 देशों में 85वें स्थान पर है.
दूसरी ओर हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान (Paksitan) की स्थिति बेहद ही खराब रही. यहां के प्रधानमंत्री इमरान खान के तमाम बड़बोलेपन के बावजूद हालात बिगड़ते जा रहे हैं. पाकिस्तान का प्रदर्शन सुधरने की बजाय और अधिक खराब हो गया है. यही कारण है कि पाकिस्तान सीपीआई की लिस्ट में 124 से गिरकर अब 140वें स्थान पर पहुंच गया है. वहां उसका साथ हमारा एक और पड़ोसी देश म्यांमार दे रहा है. हालांकि बांग्लादेश के हालात इनसे भी खराब है.
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करप्शन परेसेप्शन इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 (Covid-19) के चलते पिछले साल के मुकाबले भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कुछ धीमी पड़ी है. इस साल कई देशों ने महामारी से निपटने का बहाना बनाकर भ्रष्टाचार की ओर से आंखें मूंदी रखी. दुनिया के कुल 180 देशों में से 131 देशों ने भ्रष्टाचार पर काबू पाने के उपाय नहीं किए. वहीं दो तिहाई देश भ्रष्टाचार से काफी गंभीरता से निपट रहे हैं.
इस नजरिए से दुनिया की महाशक्ति कहा जाने वाला अमेरिका दुनिया के पहले 5 में भी नहीं है. इस लिस्ट में वह 27 वें नंबर पर है. इस साल की सूची में दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन डेनमार्क (Denmark) का रहा. यानी इस साल डेनमार्क नंबर एक पर है. वहीं दूसरे नंबर पर फिनलैंड (Finland), तीसरे पर न्यूजीलैंड (New Zealand), चौथे स्थान पर नॉर्वे और पांचवें पर सिंगापुर ने अपनी जगह बनाई.
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बात अगर खराब श्रेणी की करें तो सबसे खराब हाल दक्षिणी सूडान का रहा है जिसके चलते उसे 180वें नंबर पर रखा गया है. उससे पहले सीरिया, सोमालिया, वेनेजुएला और यमन का नंबर आता है. साथ ही इस लिस्ट में तालिबान के शासन वाला अफगानिस्तान 147वें स्थान पर रहा.