डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच अमेरिका (America) ने रूस पर 5,000 से ज्यादा छोटे-बड़े प्रतिबंध लगाएं हैं जिसमें तेल की खरीद भी शामिल हैं लेकिन रूस ने भारत को सस्ते कच्चे तेल (Crude Oil) का ऑफर दिया है जिसे भारत लगभग स्वीकार करने की स्थिति में है. सूत्रों की माने तो IOCL ने मई के लिए डील कर भी ली है. ऐसे में भारत अमेरिका के प्रतिबंधों को बड़ा झटका दे रहा है जो कि कूटनीतिक रूप से अमेरिका के लिए एक झटका है.
भारत ने की बड़ी घोषणा
दरअसल, रूस के सस्ते कच्चे तेल के प्रस्ताव को लेकर भारतीय अधिकारियों द्वारा कहा गया कि भारत रूसी तेल के आयात को बढ़ाकर ऊर्जा आपूर्ति पर छूट को बढ़ावा देगा क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था कोरोनावायरस महामारी से उबरने के लिए संघर्ष कर रही है. जानकारी के मुताबिक रूस से हाल की नवीनतम खरीद 30 लाख बैरल की है.
भारत-अमेरिका संबंधों पर असर
गौरतलब है कि भारत का रूस से कच्चे तेल की खरीद बढ़ाना अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना सकता है जिसका संकेत भारत द्वारा हाल ही में उन्नत रूसी वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद के दौरान भी मिल चुका है. व्हाइट हाउस अभी भी इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या उस खरीद के लिए भारत पर प्रतिबंध लगाए जाएं. हालांकि अमेरिका यह भी स्वीकार चुका है कि उसके प्रतिबंध रूस तक ही सीमित हैं.
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जर्मनी भी दे चुका है झटका
भारत ऐसा अकेला देश नहीं है जो कि अमेरिकी प्रतिबंधों को नजरंदाज कर रहा है बल्कि यूरोपियन यूनियन के मुख्य देश जर्मनी ने भी इनकी धज्जियां उड़ाई हैं. वहीं अन्य कई यूरोपीय देश भी रूस से तेल एवं अन्य चीजों का लेन-देन कर रहे हैं जबकि अमेरिका के प्रतिबंध लागू हैं. ये सारे कदम युद्ध के बीच अमेरिका प्रतिबंधों को धता बता रहे हैं.
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