डीएनए हिंदी: Drone Attack in Indian Ocean- अरब सागर में भारतीय इलाके में एक व्यापारिक जहाज पर ड्रोन अटैक किया गया है. एक मैरीटाइम एजेंसी के मुताबिक, शनिवार को गुजरात के वेरावल से 200 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में हुए ड्रोन हमले के कारण MV Chem Pluto नाम वाले इस जहाज में विस्फोट हुआ है, जिसके चलते उसमें आग लग गई है. हालांकि अब तक इस हादसे में किसी की मौत की खबर नहीं आई है. एक अन्य मेरीटाइम एजेंसी ने इस जहाज के इजरायल से जुड़े होने का दावा किया है. AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, हमले का शिकार हुआ जहाज लाइबेरिया के झंडे वाला ऑयल टैंकर था, जो इजरायल से जुड़ा हुआ था. इसके चलते माना जा रहा है कि यह गाजा पट्टी पर इजरायल की तरफ से लगातार बमबारी कर मचाई जा रही तबाही का जवाब हो सकता है. हालांकि पिछले दिनों इस इलाके में समुद्री डकैत भी बड़े पैमाने पर एक्टिव हुए थे, जिन्हें भारतीय नेवी ने करारा जवाब दिया था. ऐसे में यह उनका भी कारनामा हो सकता है. अभी तक किसी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
जहाज पर हैं 20 भारतीय नागरिक, रेस्क्यू के लिए रवाना किया नेवी वॉर शिप
भारत के लिए यह हमला इसलिए चिंता की बात माना जा रहा है क्योंकि यह भारतीय समुद्री इलाके में गुजरात के करीब भारतीय इलाके में हुआ है. जहाज गुजरात के पोरबंदर बंदरगाह से करीब 217 नॉटिकल मील दूरी पर है. इस जहाज पर 20 भारतीय नागरिक भी मौजूद बताए जा रहे हैं. इसके चलते जहाज पर मौजूद क्रू को रेस्क्यू करने के लिए भारतीय नेवी का वॉर शिप रवाना कर दिया गया है. हालांकि रक्षा अधिकारियों ने अभी इस बात की पुष्टि करना मुश्किल बताया है कि जहाज पर सवाल क्रू किस हालत में है. ANI ने रक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया है कि Indian Coast Guard का जहाज ICGS Vikram भी हमले का शिकार हुए जहाज की तरफ रवाना किया गया है.
कच्चा तेल लेकर मंगलूरू आ रहा था जहाज
ANI ने बताया है कि ड्रोन हमले का शिकार हुए जहाज में क्रूड ऑयल था, जिसे लेकर यह सऊदी अरब से कर्नाटक के मंगलूरू की रिफाइनरी में जा रहा था. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, जहाज पर लगी आग को बुझा लिया गया है, लेकिन इसकी चपेट में आकर जहाज का कंट्रोल सिस्टम ठप हो गया है. ICGS Vikram इस घटना के दौरान समुद्र में इंडियन एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (Indian Exclusive Economic Zone) की गश्त पर था, तभी उसे मर्चेंट शिप की तरफ रवाना होने का आदेश दिया गया. ICGS Vikram ने उस इलाके में मौजूद अन्य जहाजों को भी हमले का शिकार जहाज की मदद करने का SOS जारी किया है.
ईरान समर्थित हूती आतंकियों की हो सकती है हरकत?
ब्रिटिश मिलिट्री की यूनाइटेड किंगडम मेरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (UKMTO) और मेरीटाइम सिक्योरिटी फर्म एंब्रे ने इस इलाके से गुजरने वाले अन्य जहाजों के लिए चेतावनी जारी की है. UKMTO ने कहा है कि लाइबेरिया के झंडे वाला केमिकल टैंकर इजरायल से संबद्ध था. इस पर हमला किसी मानवरहित एरियल सिस्टम यानी ड्रोन से किया गया है, जिसकी जांच अथॉरिटीज कर रही हैं. यह हमला ईरान समर्थित हूती आतंकियों जैसा है, जो इजरायल के गाजा पट्टी पर हमले और उसे सील कर देने के विरोध में फलस्तीन का समर्थन कर रहे हैं. इस समर्थन में हूती आतंकी लगातार लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को मिसाइलों और ड्रोन हमलों का निशाना बना रहे हैं, जिसके चलते ऐसे जहाजों को अब अफ्रीका के दक्षिणी हिस्से से घूमकर लंबा रास्ता लेना पड़ रहा है. यह हमला भी हूती आतंकियों के ड्रोन हमले जैसा ही है.
भारतीय नेवी ने सोमवार को छुड़ाया था यहां एक जहाजी
यह घटना भारतीय नेवी के सोमवार को समु्द्री डकैतों के खिलाफ किए गए ऑपरेशन के बाद हुई है. भारतीय नेवी ने माल्टा के एक कार्गो जहाज पर सोमवार को घायल जहाजी को निकालने में मदद की थी. अरब सागर में MV Ruen नाम के इस जहाज में 6 समुद्री डकैतों के अवैध तरीके से घुसने की सूचना मिली थी. इसके चलते यह माना जा रहा है कि शनिवार की घटना भी समुद्री डकैतों द्वारा अंजाम दी गई हो सकती है. हालांकि इसका गाजा पट्टी पर इजरायल के हमले से भी लिंक जोड़ा जा रहा है. अभी तक किसी ने भी इसे लेकर ऑफिशियल बयान नहीं दिया है.
समुद्री डकैतों का काम हुआ तो भारत के लिए बढ़ेगी चिंता
यदि यह हरकत समुद्री डकैतों द्वारा करने की पुष्टि हो जाती है तो इससे भारत की चिंता बढ़ सकती है. पिछले कुछ सालों में हिंद महासागर में समु्द्री डकैतों की हरकतें बढ़ी हैं. यदि इन पर अंकुश नहीं लगा तो इस इलाके में समुद्री जहाजों से व्यापारिक लेनदेन प्रभावित हो सकता है, जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभाव हो सकता है.
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