डीएनए हिंदी: धरती से दूर किसी दूसरे ग्रह पर जीवन की खोज लगातार जारी है. ऐसे में पहली बार लाखों किलोमीटर दूर एक ग्रह से धरती पर एलियन सिग्नल भेजे गए हैं. ये सिग्नल आए हैं मंगल ग्रह (Mars) से, जिन्हें भेजने वाला कोई एलियन नहीं है बल्कि इसे यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (ExoMars Trace Gas Orbiter) ने भेजा है. दरअसल ये एक एनकोडेड मैसेज है, जिसे मार्स से धरती पर भेजकर वैज्ञानिकों ने ये जानने की कोशिश की है कि असल में किसी एलियन के सिग्नल भेजने पर क्या हम उसे रिसीव कर पाएंगे या नहीं. अब इस एनकोडेड मैसेज को पढ़ने के लिए वैज्ञानिकों ने दुनिया भर के लोगों से मदद मांगी है.
16 मिनट में सिग्नल ने तय की मंगल से धरती की दूरी
मंगल ग्रह के पृथ्वी के सबसे नजदीक रहने पर भी उसकी दूरी करीब 3.86 करोड़ किलोमीटर होती है. इतनी दूरी से TGO ने बुधवार रात में करीब 9 बजे पृथ्वी के लिए मैसेज बीम किया. यह मैसेज करीब 4 करोड़ किलोमीटर का सफर तय करते हुए धरती तक महज 16 मिनट में पहुंच गया. यह सिग्नल अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया स्थित ग्रीनबैंक टेलीस्कोप ने रिसीव किया. इसके अलावा इटली के मेडिसिना रेडियो एस्ट्रोनॉमिकल स्टेशन, कैलिफोर्निया के एलन टेलीस्कोप ऐरे और न्यू मैक्सिको के वैरी लार्ज ऐरे ने भी इस सिग्नल को रिसीव किया.
एलियंस के सिग्नल मिलने पर आएगा बड़ा परिवर्तन
वैज्ञानिक मंगल ग्रह से भेजे गए सिग्नल को ऐतिहासिक मान रहे हैं. उनका मानना है कि असल में एलियंस के सिग्नल मिलना बहुत बड़ा परिवर्तन लाएगा. सर्च फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस इंस्टीट्यूट (SETI) के साइंटिस्ट और 'ए साइन इन स्पेस' प्रोजेक्ट के चीफ डेनिएला डि पोलिस ने कहा, अपने पूरे इतिहास में मानवता ने हमेशा शक्तिशाली और परिवर्तनकारी पलों का अर्थ तलाशा है. एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल सिविलाइजेशन (Aliens) से सिग्नल या मैसेज मिलना पूरी मानव जाति के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी अनुभव होगा.
मैसेज डिकोड करने के लिए दुनिया भर के लोगों से मांगी मदद
डि पोलिस ने SETI के तले दुनिया भर के इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स, स्पेस साइंटिस्ट्स और आर्टिस्ट्स की एक संयुक्त टीम बनाई है, जो एलियंस से आने वाले मैसेज को डिकोड करने और उसे इंटरप्रेट करने का प्रोसेस तैयार कर रही है. उन्होंने मंगल ग्रह से आए सिग्नल को डिकोड करने के लिए भी दुनिया भर से मदद मांगी है ताकि जब असल में एलियन सिग्नल पृथ्वी पर पहुंचे तो उन्हें डिकोड किया जा सके या पढ़ा जा सके. उन्होंने यह नहीं बताया कि मंगल ग्रह से आए सिग्नल को डिकोड कर लिया गया है या नहीं.
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