डीएनए हिंदी: Latest Pakistan News in Hindi- पाकिस्तान में अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन साथ ही बड़ा झटका भी लग गया है. इमरान खान की पार्टी 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI)' अब अपना चुनाव चिह्न 'बैट' फिर से इस्तेमाल कर पाएगी. पार्टी चुनाव चिह्न को जब्त करने के पाकिस्तान चुनाव आयोग के फैसले को पेशावर हाई कोर्ट ने पलट दिया है. लेकिन इलेक्शन ट्रिब्यूनल ने इमरान खान को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने का चुनाव आयोग का फैसला सही ठहराया है. इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने इमरान खान को फिर से चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है.
पिछले सप्ताह सुरक्षित रखा गया था फैसला
पाकिस्तान में आम चुनाव होने जा रहे हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अपना नामांकन पत्र भरा था. उन्होंने एनए-89 मियांवाली सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था, जिसे पाकिस्तान चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था. चुनाव आयोग ने कहा था कि इमरान खान जेल की सजा घोषित होने के कारण चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं. आयोग के इस फैसले को इमरान ने इलेक्शन ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी, जिस पर पिछले सप्ताह सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब इलेक्शन ट्रिब्यूनल ने अपना फैसला सुना दिया है, जिसमें एनए-89 मियांवाली से नामांकन पत्र की अस्वीकृति के खिलाफ इमरान खान की अपील को खारिज कर दिया गया है.
पार्टी सिंबल जब्त करने पर हाई कोर्ट बोला- चुनाव आयोग का फैसला असंवैधानिक
पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पीटीआई के आंतरिक सांगठनिक चुनावों को रद्द कर दिया था. साथ ही पार्टी का चुनाव चिह्न भी जब्त कर लिया था. 22 दिसंबर को चुनाव आयोग ने यह फैसला किया था, जिसके खिलाफ इमरान खान की पार्टी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. पेशावर हाई कोर्ट में बुधवार को जस्टिस एजाज अनवर और जस्टिस अरशद अली की बेंच ने पीटीआई की याचिका पर सुनवाई की. हाई कोर्ट बेंच ने आयोग के फैसले को रद्द करते हुए संक्षिप्त फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान के चुनाव आयोग का 22 दिसंबर का फैसला असंवैधानिक है. हाई कोर्ट ने आगे कहा कि पीटीआई के आंतरिक चुनावों का सर्टिफिकेट वेबसाइट पर जारी किया जाना चाहिए और इमरान खान की पार्टी बल्ले के निशान की हकदार है.
इमरान खान के लिए लगातार बढ़ रही है मुश्किल
इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोला था. इसके चलते उन्हें बीच में ही सत्ता से बाहर होना पड़ा था. इसके बाद से ही उनकी मुश्किल लगातार बढ़ रही हैं. उन्हें तोशाखाना घोटाले में जेल की सजा सुनाई जा चुकी है, जिसके चलते कुछ दिन उन्हें जेल में भी काटने पड़े हैं. सजा सुनाए जाने के बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग ने उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद उनकी पार्टी का पंजीकरण भी रद्द करने की कोशिश हुई है. इमरान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी नवाज शरीफ पाकिस्तानी सेना के साथ अपनी पार्टी मुस्लिम लीग (नवाज) के गोपनीय समझौते के तहत वापस पाकिस्तान लौट आए हैं. नवाज शरीफ को इमरान ने ही घोटाले के आरोप में जेल भिजवाया था. अब नवाज के लौटने को इमरान के लिए मुश्किलें और ज्यादा बढ़ने का संकेत माना जा रहा है.
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