डीएनए हिंदी: France News- मध्य एशियाई देशों में गृहयुद्ध आदि के कारण यूरोप की तरफ भागने वाले लोगों को सबसे ज्यादा शरण फ्रांस में मिली है, लेकिन पिछले कुछ समय से फ्रांस में इस्लामी शरणार्थियों के कारण कई बार गृह युद्ध जैसे हालात बन चुके हैं. हाल ही में एक शरणार्थी युवक के कार नहीं रोकने पर पुलिस के गोली मार देने के बाद फ्रांस ने अपने यहां सबसे बुरे हालात देखे हैं, जिनमें पूरा देश एकतरह से दंगे की आग में जलता नजर आया. इसके चलते जनता की तरफ से फ्रांसीसी सरकार पर मुस्लिम शरणार्थियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के दबाव का असर आखिरकार नजर आ ही गया है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामी शरणार्थियों पर शिकंजा कसने के कदमों की शुरुआत कर दी है. इस क्रम में सबसे पहले स्कूलों में मुस्लिम छात्राओं के अबाया (सिर से पैर तक शरीर को पूरा ढंकने वाला एक प्रकार का बुर्का) पहनने पर बैन लगा दिया है. मैक्रों ने यह कदम भारत में 8 सितंबर से होने जा रहे G20 शिखर सम्मेलन से पहले उठाया है, जिसे एक बड़ा संकेत माना जा रहा है.
पढ़िए या धार्मिक पहचान सुरक्षित रखिए
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रांसीसी प्रशासन ने मुस्लिम छात्राओं से कहा है कि यदि उन्हें अबाया पहनने से ही अपनी धार्मिक पहचान सुरक्षित लगती है तो पढ़ाई के बजाय उन्हें घर रहना चाहिए. स्कूल आना है तो धार्मिक पहचान को घर छोड़कर आना होगा.
हिजाब पर पहले ही बैन लगा चुका है फ्रांस
फ्रांस सरकार का मानना है कि स्कूलों में सभी छात्र एकसमान होने चाहिए. ऐसे में उन सभी का पहनावा भी एक जैसा ही दिखना चाहिए ताकि कोई भी खुद को अलग ना समझे और किसी को भी धार्मिक आधार पर उत्पीड़न से ना गुजरना पड़े. इस तर्क को आधार बनाकर फ्रांस सरकार ने स्कूलों में बुर्का और हिजाब पहनने पर पहले ही पाबंदी लगा दी थी. अब अबाया पहनने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. माना जा रहा है कि फ्रांस जल्द ही सार्वजनिक नमाज और मजहबी जुलूसों पर भी पाबंदी लगा सकता है.
वामपंथियों ने किया विरोध, दक्षिणपंथियों ने मनाई खुशी
फ्रांसीसी सरकार के अबाया पर प्रतिबंध लगाने का देश के वामपंथी राजनेताओं और संगठनों ने विरोध किया है. हालांकि दक्षिणपंथी विद्वानों, नेताओं, लेस रिपब्लिकन पार्टी और स्कूल प्रिंसिपलों के संगठन SNPDEN-UNSA ने इस कदम का स्वागत किया है. इन सभी ने सरकार के प्रतिबंध को एकसमान शिक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.