France Violence: फ्रांस में जारी हिंसा के बीच राष्ट्रपति मैक्रों पर भड़के प्रदर्शनकारी, जानें आखिर क्यों नहीं रुक रहा है दंगा फसाद

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 01, 2023, 08:37 AM IST

France Violence 

Paris Violence: फ्रांस में पिछले कुछ दिनों से एक युवक की हत्या को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके चलते सार्वजनिक संपत्ति को बड़ा नुकसान हुआ है.

डीएनए हिंदी: यूरोपीय मुल्क फ्रांस (France Riots) में 17 साल के एक किशोर की ट्रैफिक पुलिस द्वारा की गई हत्या के बाद भारी विरोध प्रदर्शन हुए हैं. इसके चलते राजधानी पैरिस समेत कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन भी हो रहे हैं. शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी फ्रांस में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क गए. इस दौरान कई गाड़ियों में आग लगा दी गई और दंगाइयों ने बैंक तक लूट लिए. देश में फैली हिंसा और दंगों के बीच ही अब प्रदर्शन कारियों ने राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) को भी घेर लिया है. राष्ट्रपति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसको लेकर लोग भड़क गए हैं. 

दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में मैक्रों को पत्नी ब्रिजेट के साथ सिंगर एल्टन जॉन के कॉन्सर्ट में देखा गया है. वीडियो के सामने आने के बाद ही मैक्रों की आलोचना हो रही है. लोगों ने राष्ट्रपति की संवेदनहीनता पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि देश हिंसा की आग में धधक रहा है और राष्ट्रपति एल्टन जॉन के कॉन्सर्ट में थिरक रहे हैं. 

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सिंगर के कॉन्सर्ट में दिखे थे राष्ट्रपति मैक्रों

राष्ट्रपति मैक्रों राजधानी पेरिस के एकोर एरिना में सिंगर जॉन एल्टन के कॉन्सर्ट के कार्यक्रम में नजर आए थे. इस दौरान उनकी पत्नी ब्रिजेट भी उनके साथ ही थीं. ऐसे में लोगों ने मैक्रों की तस्वीरें और वीडियो को शेयर करते हुए कहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों सिंगर एल्टन जॉन के कॉन्सर्ट में हैं जबकि फ्रांस में हिंसा की आग धधक रही है. आलोचनाओं के बीच ही मैक्रों ने हिंसा को लेकर दूसरी बार आपात बैठक बुलाई और दंगाइयों के खिलाफ बेहद सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है.

शांत माने जाने वाले फ्रांस में क्यों हो रही है हिंसा

बता दें कि 17 साल के किशोर नाहल की पुलिस की गोलीबारी में मौत के बाद से देश के कई शहरों में हिंसा भड़क उठी हुई है. हिंसा की वजह से अब तक 800 से अधिक लोगों को गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं इस हिंसा की घटनाओं में अब तक 200 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. दंगाइयों ने एक पुलिस स्टेशन को भी आग के हवाले कर दिया और फिर बस डिपो में भी आग लगा दी गई.

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पुलिस पर क्यों भड़के हुए हैं प्रदर्शनकारी 

लगातार फैल रही हिंसा के बीच देश में 40,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले, ग्रेनेड और वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर रही है, जिससे दंगों पर काबू पाया जा सके. लोगों का आरोप है कि किशोर नाहेल को बीते मंगलवार को ट्रैफिक चेकिंग के दौरान गोली मार दी गई थी. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस घटना को प्रदर्शनकारी नस्लवाद से भी जोड़कर देख रहे हैं, जिसके चलते हिंसा ज्यादा भड़क गई है.  

क्यों नहीं रुक रही हिंसा?

फ्रांस में जारी हिंसा न रुकने की बड़ी वजह नस्लवाद मानी जा रही है. प्रदर्शनकारियों को यह लगता है कि युवक को नस्लवादी सोच के चलते पुलिस वालों ने गोली से मारा है.  पुलिस ने युवक पर गोली चलाने वाले अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कार्रवाई शुरु करने की बात कही है. वहीं, राष्ट्रपति मैक्रों ने भी इस हमले के लिए पुलिस पर सवाल उठाए थे और पुलिस द्वारा हुई युवक की हत्या को अक्षम्य बताया था. इसके बाद पुलिस ने राष्ट्रपति के बयान पर आपत्ति जाहिर की थी. 

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सरकार और पुलिस के बीच ही हो गया है टकराव

पुलिस यूनियन का दावा है कि राष्ट्रपति पुलिसवालों के ख़िलाफ़ जल्दबाज़ी में राय बना रहे हैं.इस बयान का पुलिस यूनियन ने विरोध करते हुए कहा कि शूटिंग में शामिल पुलिस अफ़सरों के बारे में मैक्रों जल्द फैसले पर पहुंच गए हैं. अलायंस पुलिस यूनियन ने कहा है कि जब तक कोई फैसला नहीं होता, उन्हें निर्दोष माना जाना चाहिए, जबकि इसकी प्रतिद्वंद्वी यूनियन यूनाइट एसजीपी पुलिस ने भी कहा है कि राजनीतिक हस्तक्षेप पुलिस के प्रति लोगों की नफ़रत को बढ़ाएगा.

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पुलिस के बयानों से इतर गृह मंत्री गेराल्ड डैरमानिन ने कहा है कि फ़्रांस पुलिस पर कार्रवाई करेंगे क्योंकि उसने किशोर की हत्या को सही ठहराने की कोशिश की है. पुलिस यूनियन के ही एक अन्य ग्रुप ने एक ट्वीट में उन पुलिस अधिकारियों को ‘ब्रैवो’ कहा था जिन्होंने एक युवा अपराधी को गोली मार दी. इसमें युवक के परिजनों पर उसको अच्छी परवरिश न देने के आरोप भी लगाए गए थे. 

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