डीएनए हिंदी : चीन भारत की दक्षिणी सीमा पर फैले हिन्द महासागर(Indian Ocean) में लगातार अवैध ढंग से मछलियां पकड़ रहा है. Wion News के संवाददाता सिद्धांत सिबल के हवाले से आई हुई यह ख़बर Information Fusion Centre Indian Ocean Region (IFC-IOR) के एक डाटा के अनुसार समुद्री सीमा में मछली पकड़ने के कुल 379 मामले ऐसे थे जिसकी न कोई सूचना दी गई थी, ना ही वे नियंत्रित थे. यह डाटा साल 2020 का है. वहीं 2021 की पहली छमाही में ऐसे 213 मामले सामने आए.
चीन दुनिया में मछली उत्पाद में सबसे आगे है
माना जाता है कि चीन दुनिया में मछली उत्पाद में सबसे आगे है. सबसे ताज़े सेटेलाइट आंकड़े के मुताबिक़ चीन के Distant Water Fishing (DWF) के पास लगभग 17000 फिशिंग वेसेल हैं जो कि चीन के नाम से पंजीकृत हैं और लगभग 1000 वेसेल सुविधानुसार अलग-अलग नाम से दर्ज हैं. तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो यूरोपियन यूनियन और अमेरिका के पास क्रमशः 289 और 225 फिशिंग वेसेल हैं.
स्रोतों के अनुसार चीन(China) के फिशिंग वेसेल की असल संख्या कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि कई फिशिंग वेसेल के पास न कोई ट्रांसपॉन्डर होता है, न ही उन्होंने अपने आप को पंजीकृत करवा रखा है. इन जहाज़ों को घोस्ट शिप कहा जाता है.
घोस्ट शिप के साथ फिशिंग करता है चीन
इन फिशिंग वेसेल में काफ़ी शक्तिशाली इंजन और अच्छी क्वालिटी के रेफ्रिजरेशन लगे हुए हैं. सबसे अधिक मछली पकड़ने वाले जहाज़ों और दक्षिणी-पूर्वी चीन सागरों में मछली पकड़ने की सुविधा होने के बावजूद चीन के घोस्ट शिप बार-बार हिन्द महासागर और अफ्रीकन कोस्टलाइन में नज़र आ जाते हैं.
चीन ने अफ्रीकी देश सिएरा लियॉन में काफी निवेश कर रखा है और यह देश अफ्रीका के सबसे अमीर फिशिंग ज़ोन में आता है. चीन ने इस पूरे हिस्से पर अधिकार कर रखा है जबकि स्थानीय मछुआरों को बमुश्किल ही कोई मौका मिल पाता है.
ख़बर मिली है कि चीन के सबसे नज़दीकी सहयोगी पाकिस्तान(Pakistan) ने भी इस मुद्दे पर विरोध ज़ाहिर किया है. हज़ारों की संख्या में चीनी मछुारे चीनी मछली पकड़ने वाले जहाज़ों के विरोध में इकट्ठा हुए थे.