Hardeep Singh Nijjar Murder Case: भारत और कनाडा के संबंधों में खटास पैदा करने वाले खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक आरोपी पर जानलेवा हमला हुआ है. निज्जर की हत्या के आरोपी पर यह हमला कनाडा के सरे के डिटेंशन सेंटर (जेल) में हुआ है, जहां उसे इस हत्या के आरोप में दो अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किए जाने के बाद रखा गया है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला जेल के जिम में किया गया. हालांकि यह पता नहीं लग सका है कि हमला निज्जर की हत्या से जुड़ा हुआ है या जेल में किसी बात पर आपसी कहासुनी के चलते यह घटना हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी स्पष्ट नहीं है कि हमला तीनों में से किस आरोपी के ऊपर हुआ है और अब उसकी हालत कैसी है. कनाडा पुलिस ने भी इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया है.
पिछले साल जून में हुई थी निज्जर की हत्या
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पिछले साल जून में कनाडा के सरे शहर में ही हुई थी. गुरुद्वारे की पार्किंग में खड़े निज्जर को हमलावर गोलियां मारकर भाग गए थे. इस हत्याकांड की बाद में सीसीटीवी वीडियो फुटेज भी सामने आई थी, जिसमें हमलावरों के एक से ज्यादा होने की जानकारी कनाडा पुलिस मिली थी. कनाडा सरकार ने इस हत्या का आरोप भारत पर लगाया था. कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने वहां की संसद में दिए बयान में यह आरोप लगाया था, जिसे भारत सरकार ने निराधार बताते हुए विरोध जताया था. इसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते भी बिगड़े हुए हैं.
पुलिस ने 4 लोगों पर लगाया था हत्या का आरोप
कनाडा पुलिस ने जांच के दौरान 4 भारतीय युवकों पर इस हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. इनमें से तीन आरोपियों करण बरार, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह को इसी साल 3 मई को गिरफ्तार किया गया था, जबकि चौथा आरोपी अमनदीप सिंह 11 मई को गिरफ्तार घोषित किया गया था. हालांकि अमनदीप सिंह पहले से ही ड्रग्स और हथियार तस्करी में जेल में बंद है. अमनदीप से अलग बाकी तीनों आरोपियों को सरे के डिटेंशन सेंटर में रखा गया है, जहां उनमें से एक पर हमला होने की खबर मिली है.
खालिस्तानी कट्टरपंथियों पर है हमले का शक
जेल के अंदर निज्जर की हत्या के आरोपी पर हमले का शक खालिस्तानी कट्टरपंथियों पर है, जो कनाडा में बेहद हावी हैं. कनाडाई सरकार भी खालिस्तानी कट्टरपंथियों का समर्थन करती है. यह शक इस कारण भी है कि 21 मई को जब चारों आरोपियों को एकसाथ कोर्ट में पेश किया गया था तो वहां भारी संख्या में खालिस्तानी कट्टरपंथी उनका विरोध करने पहुंचे थे और नारेबाजी की थी.
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