Hijab Ban in Tajikistan Latest News: भारत के कई राज्यों में स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर रोक के खिलाफ चल रहे विवाद के बीच एक मुस्लिम देश से नजीर बनने वाला फैसला सामने आया है. मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान ने अपने यहां की 98 फीसदी आबादी मुस्लिम होने के बावजूद हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया है. इस बैन से जुड़ा कानून ताजिकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन मजलिसी मिल्ली के 18वें सत्र के दौरान 19 जून को पारित किया है. एशिया-प्लस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कानून को संसद की निचली सदन मजलिसी नमोयंदगोन ने 8 जून को मंजूरी दी थी. ताजिकिस्तान की 98 फीसदी मुस्लिम आबादी में से 95 फीसदी सुन्नी और 3 फीसदी शिया मुस्लिम हैं. इससे पहले ताजिकिस्तान संसद मुस्लिम पुरुषों के लंबी दाढ़ी रखने पर भी बैन लगा चुकी है.
हिजाब को बताया गया है 'पराया परिधान'
एशिय प्लस की रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में पारित बिल में हिजाब को 'पराया परिधान' कहा गया है, जिसका ट्रेंड हालिया सालों में मध्य पूर्व के देशों से ताजिकिस्तान में आना शुरू हुआ है. इस कानून में हिजाब, इस्लामी स्कार्फ, इस्लामी परिधान की अन्य पारंपरिक वस्तुओं के पहनने पर बैन लगाया गया है. ताजिकिस्तान के अधिकारियों का मानना है कि यह इस्लामी कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं.
भुगतना होगा नियम तोड़ने पर मोटा जुर्माना
संसद ने प्रशासनिक उल्लंघन संहिता में संशोधनों को भी मंजूरी दी है. इसके जरिये हिजाब या अन्य धार्मिक कपड़े पहनकर कानून तोड़ने वालों पर मोटा जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान किया गया है. पहले इन्हें संहिता के उल्लंघन के तौर पर सूचीबद्ध नहीं किया गया था.
ईदगर्दक प्रथा पर भी लगाया बैन
संसद में पारित कानून में हिजाब पर बैन लगाने के साथ ही ईद के त्योहार की बच्चों से जुड़ी एक प्रथा 'ईदगर्दक' पर भी बैन लगाया गया है. ईदगर्दक प्रथा ईद-अल-फितर और ईद अल-अजहा के त्योहारों पर बच्चों के गली-गली या गांव के घरों में जाकर बधाई देने से जुड़ी हुई है. संसद ने इस प्रथा को उचित नहीं माना है.
2007 से शिकंजा कसा जा रहा है हिजाब पर
ताजिकिस्तान में साल 2007 से इस्लामी हिजाब पर शिकंजा कसा जा रहा है. उस साल शिक्षा मंत्रालय ने इस्लामी कपड़ों और पश्चिमी शैली की मिनी स्कर्ट के स्कूल-कॉलेजों में पहनने पर बैन लगा दिया था. बाद में यह बैन सार्वजनिक संस्थानों में भी लागू कर दिया गया. उस समय यह बैन अनौपचारिक था, जिसे लागू करने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई गई थी. अब ताजिक सरकार ने इस बैन को संसद में कानून के जरिये पूरी तरह वैध बना दिया है और सख्ती के साथ लागू करने का दावा किया है.
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