India Canada Relations: कनाडा से बिगड़ते संबंधों के बीच भारत का पॉजिटिव कदम, दो महीने बाद बहाल की ई-वीजा सर्विस

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 22, 2023, 03:44 PM IST

Visa (Representational Photo)

India Canada Row: भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर विवाद चल रहा है. कनाडा के पीएम ने इसका आरोप भारत सरकार पर लगाया है.

डीएनए हिंदी: India Canada Latest News in Hindi- खालिस्तानी आतंकवाद के मुद्दे पर कनाडा के साथ लगातार बिगड़ रहे संबंधों के बीच भारत ने एक पॉजिटिव कदम उठाया है. आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए ई-वीजा सर्विस फिर से बहाल कर दी है. भारत ने कनाडाई नागरिकों को ई-वीजा देना दो महीने पहले उस समय बंद कर दिया था, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की बयानबाजी के चलते दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव पैदा हो गया था. ट्रूडो ने कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कराने का आरोप अपनी संसद में एक बयान के दौरान भारत सरकार पर लगाया था. इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को वापस भेज दिया था. इससे दोनों देशों के संबंध लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं, जिनमें अब भारत के इस कदम के बाद सकारात्मक सुधार के संकेत मिल रहे हैं.

पिछले महीने खास कैटेगरी के वीजा पर लगी रोक हटाई थी

India Today की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने पिछले महीने कनाडा के नागरिकों को वीजा देने पर लगी रोक में कुछ ढील दी थी. करीब एक महीने से बंद पड़ी वीजा सेवाओं में भारत ने कुछ खास कैटेगरी के वीजा को फिर से बहाल कर दिया था. भारत के इस कदम का कनाडा ने भी स्वागत करते हुए इसे कनाडाई नागरिकों के लिए अच्छी खबर बताया था. अब इसके एक महीने बाद ई-वीजा सेवाओं की बहाली से दोनों देशों के बीच बने तनाव में सकारात्मक सुधार दिखाई दे रहा है.

जून में हुई थी निज्जर की हत्या

भारत की तरफ से वांछित खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या इस साल जून में हुई थी. निज्जर को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्टेट के सरे शहर में गुरुद्वारे के बाहर गोलियों से भून दिया गया था. कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने अपनी संसद में इस हत्या को लेकर बयान दिया था. इस बयान में इंटेलिजेंस रिपोर्ट के हवाले से ट्रूडो ने दावा किया था कि निज्जर की हत्या करने वालों और भारत सरकार के एजेंटों के बीच लिंक के विश्वसनीय सबूत मिले हैं. इस दावे का अमेरिकी इंटेलिजेंस का भी समर्थन हासिल है. हालांकि अब तक कनाडा सरकार एक भी सबूत सार्वजनिक नहीं कर सकी है. भारत ने इसे बेबुनियाद बताते हुए ट्रूडो के आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया था. बता दें कि जस्टिन ट्रूडो की पार्टी के समर्थकों में कनाडाई सिखों की भारी संख्या है, जिनमें भारत के टुकड़े करने के लिए फैलाए जा रहे खालिस्तानी आतंकवाद के बहुत सारे समर्थक हैं. ट्रूडो पहले भी इन सिख वोटर्स के दबाव में बयान दे चुके हैं.

कनाडा की कार्रवाई का भारत ने दिया था करारा जवाब

कनाडा ने भारत के एक राजनयिक को भी पीएम के बयान के बाद निष्कासित कर दिया था. इसके जवाब में भारत ने भी कठोर कदम उठाते  हुए दिल्ली स्थित कनाडा दूतावास से उनके इंटेलिजेंस ऑफिसर को निष्कासित कर दिया था. साथ ही कनाडा जाने के लिए भारतीयों को चेतावनी वाली एडवाइजरी जारी कर दी थी. इसके बाद सितंबर में कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं बंद कर दी गई थी. इसे कनाडा के दावे की सीधी प्रतिक्रिया माना गया था. भारत ने कनाडा को दिल्ली स्थित दूतावास में अपने राजनयिकों की संख्या ओटावा में मौजूद भारतीय राजनयिकों के बराबर करने का निर्देश दिया गया था. इसके लिए कनाडा दूतावास से 41 राजनयिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया था. इसे भारत की तरफ से बहुत कड़ी कार्रवाई माना गया था. हालांकि अब कनाडा के लिए ई-वीजा सेवाओं की बहाली को भारत के रुख में आ रही नरमी के संकेत माना जा रहा है.

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