डीएनए हिंदी: India Australia Relations- भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकवाद को लेकर तनातनी चल रही है. खासतौर पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर दोनों देशों के बीच इस समय कूटनीतिक संबंध बिगड़े हुए हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ लगाया है. अब इस दावे पर ऑस्ट्रेलिया ने भी कमेंट किया है. ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी ASIO के चीफ माइक बर्गेस ने कनाडा के दावे का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि भारत पर लगे आरोपों को लेकर कनाडा के दावे पर विवाद की कोई वजह नहीं है. ABC News के मुताबिक, बर्गेस ने साथ ही इशारों में भारत को चेतावनी भी दी कि ऑस्ट्रेलिया में ऐसी हरकत करने पर सख्ती से निपटा जाएगा. भारत की तरफ से इसे लेकर फिलहाल कोई कमेंट नहीं किया गया है. यह टिप्पणी इसलिए खास मानी जा रही है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया को भारत का करीबी दोस्त माना जाता है. साथ ही ऑस्ट्रेलिया में भी कनाडा की तरह खालिस्तान समर्थक अलगाववादी सक्रिय हैं, जिसे लेकर भारत कई बार नाराजगी जता चुका है.
Five Eyes की बैठक में किया है बर्गेस ने कमेंट
एबीसी न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी ASIO के चीफ माइक बर्गेस ने यह कमेंट कैलिफोर्निया में Five Eyes की बैठक में किया है. यह पांच देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड का साझा संगठन है, जिसमें पांचों देश आपस में अहम खुफिया जानकारी साझा करते हैं. बताया जा रहा है कि कनाडा को निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के सबूत फाइव आईज में से ही किसी एक सदस्य देश ने उपलब्ध कराए हैं. इसी बैठक में बर्गेस ने कहा कि कनाडाई सरकार के दावों पर विवाद करने की कोई वजह नहीं है. कोई देश दूसरे देश के नागरिक की हत्या का आरोपी बनता है तो यह गंभीर बात है. ऐसा काम हम नहीं करते और बाकी देशों को भी नहीं करना चाहिए.
ऑस्ट्रेलिया में भारत ने ऐसा किया तो...
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बर्गेस ने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय एजेंटों के ऐसी कार्रवाई करने को लेकर भी कमेंट किया है. उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया में ऐसा होगा, इसे लेकर पब्लिकली कुछ नहीं कहूंगा. हां यह कह सकता हूं कि जब भी हमें दूसरे देश की सरकारों के हमारे यहां हस्तक्षेप की कोशिश दिखती है या ऐसा योजना दिखती है तो हम उससे प्रभावी ढंग से निपटते हैं.
'भारत से पूछिए कि ऑस्ट्रेलियाई चरमपंथी डरें या नहीं'
बर्गेस से यह भी सवाल पूछा गया कि क्या ऑस्ट्रेलियाई चरमपंथियों को भारत सरकार से डरने की जरूरत है. इस पर उन्होंने कहा, इसका जवाब तो भारत से ही पूछना चाहिए. छिपकर या धोखे से दूसरों को नुकसान पहुंचाना या दूसरों के मामले में हस्तक्षेप करने का काम सरकारों का नहीं होता है. ऐसा कुछ दिखने पर ऑस्ट्रेलिया कार्रवाई करेगा.
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