डीएनए हिंदी: World News in Hindi- खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में चल रहे विवाद के बीच श्रीलंका ने एक बड़ा बयान दिया है. श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा है कि कनाडा कई आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना रहा है. साबरी के इस बयान को भारत का अप्रत्यक्ष समर्थन माना जा रहा है, जो कनाडा पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगा रहा है. ANI से बातचीत में श्रीलंकाई विदेश मंत्री साबरी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भी खिंचाई की है. उन्होंने कहा, वे ट्रूडो के आरोपों (भारत पर) से हैरान नहीं है, क्योंकि वह (कनाडाई प्रधानमंत्री) लगातार बिना किसी सबूत के ऐसे अपमानजनक और अपुष्ट आरोप लगाते रहते हैं. साबरी ने कहा, ऐसा काम कनाडाई पीएम पहले श्रीलंका के साथ कर चुके हैं, जो बेहद भयानक और पूरी तरह झूठ था. कनाडाई पीएम ने कहा था कि श्रीलंका में नरसंहार हुआ है. हर कोई जानता है कि हमारे देश में कोई नरसंहार नहीं हुआ है.
कनाडाई पीएम ने भारत पर लगाए हैं ऐसे आरोप
भारत और कनाडा के संबंध इस समय सबसे निम्न स्तर पर चल रहे हैं. दोनों देशों के संबंध जस्टिन ट्रूडो के 18 सितंबर को अपनी संसद में भारत पर ये आरोप लगाने के बाद खराब हुए हैं, जिनमें उन्होंने कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था. निज्जर भारत में घोषित आतंकी था. उसकी 18 जून को कनाडा के सरे शहर में गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भारत ने कनाडा के आरोपों को भद्दे और राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज किया है. इसके बाद से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव छिड़ा हुआ है.
श्रीलंकाई मंत्री ने ट्रूडो को याद दिलाया नाजी सैनिक का सम्मान
ट्रूडो पर तंज कसते हुए श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने उन्हें भूतपूर्व नाजी सैनिक को कनाडा की संसद में सम्मानित करने की याद दिलाई. उन्होंने कहा, मैंने कल देखा, वह (जस्टिन ट्रूडो) उठे और किसी का बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया, जो दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजी सेना से जुड़ा हुआ था. यह संदिग्ध है और हम इससे अतीत में निपट चुके हैं. मैं बिल्कुल हैरान नहीं हो रहा हूं कि कई बार पीएम ट्रूडो बेहद अपमानजनक और अपुष्ट आरोप लगाने लगते हैं.
ट्रूडो के बयान कर चुके हैं कनाडा-श्रीलंका के भी संबंध खराब
साबरी ने कहा, ट्रूडो के नरसंहार वाले कमेंट ने श्रीलंका-कनाडा के भी संबंध खराब किए हैं. कनाडाई विदेश मंत्रालय का इस पर अलग रुख है. वैश्विक मामलों के मंत्रालय का स्पष्ट कहना है कि श्रीलंका में नरसंहार नहीं हुआ है, जबकि एक राजनेता के तौर पर पीएम ट्रूडो खड़े होते हैं और कहते हैं कि वहां नरसंहार हुआ था. ये दोनों आपस में विरोधाभासी बयान हैं. इससे कुछ ठीक नहीं होने जा रहा है.
दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में घुसना छोड़ें ट्रूडो
श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कनाडा के पीएम को सलाह दी है कि वे दूसरे संप्रभु देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना छोड़ दें. उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि किसी को भी अपनी नाक दूसरे देशों में घुसेड़नी चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि हमें कैसे अपना देश चलाना है. हम अपने देश से किसी भी विदेशी से ज्यादा प्यार करते हैं. इसीलिए हम अपने देश में हैं. हम इस तरह के बयानों से बिल्कुल खुश नहीं हैं.
हिंद महासागर हमारा है और हमें चलाना है
अली साबरी ने कहा, हिंदा महासागर की अलग पहचान बेहद अहम है और हमें (भारत-श्रीलंका व क्षेत्र के अन्य देशों को) क्षेत्रीय आर्किटेक्चर को मजबूत करने की जरूरत है. हमें हमारे क्षेत्र को देखना है. हमें साथ काम करने की जरूरत है. ऐसे ही हम एक शांतिपूर्ण वातावरण कायम कर सकते हैं. किसी और को हमें नहीं बताना चाहिए कि हमें अपने मामले कैसे संभालने चाहिए.
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