डीएनए हिंदी: खालिस्तानी आतंकियों ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास पर हमला कर दिया है. दूतावास में आतंकियों ने आग लगा दी है. हालांकि सैन फ्रांसिस्को फायर डिपार्टमेंट ने आग को जल्दी ही बुझा लिया है, लेकिन 5 महीने के अंदर इस दूतावास पर दूसरी बार हमले के बाद अमेरिकी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं. दूतावास में आगजनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें इस हमले की भयावहता देखने को मिल रही है. भारतीय दूतावास पर यह हमला खालिस्तानी आतंकी और प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस के पदाधिकारी गुरपतवंत सिंह पन्नू के उस ऐलान के अगले दिन किया गया है, जिसमें 8 जुलाई को विदेशों में भारतीय दूतावासों को घेरने के लिए कहा गया था.
FBI ने शुरू कर दी है मामले की जांच
अमेरिका की टॉप जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (FBI) ने आग लगाने के इस मामले की जांच शुरू कर दी है. अमेरिका के स्थानीय टीवी चैनल दीया टीवी की तरफ से इस आगजनी का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है, जिसमें यह घटना 2 जुलाई की रात करीब 1.30 बजे की बताई गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सैन फ्रांसिस्को फायर डिपार्टमेंट ने 2.30 बजे से पहले ही आग को बुझा दिया. आग के कारण दूतावास को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होने की बात भी कही गई है.
खालिस्तानी आतंकियों ने बताया निज्जर की हत्या का बदला
खालिस्तानी आतंकियों ने दूतावास में आग लगाने के बाद एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में इस घटना को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का बदला बताया गया है. निज्जर की हत्या पिछले महीने कनाडा में एक कार पार्किंग में गोली मारकर की गई थी. इस हत्या का आरोप भारतीय खुफिया एजेंसियों पर लगाया गया था. हालांकि भारत ने इस हत्या में कोई भी हाथ होने से इनकार किया है. इस हत्या का बदला लेने के लिए कनाडा में भारतीय राजनयिकों की हत्या करने के ऐलान वाले पोस्टर भी दो दिन पहले जारी किए गए हैं. इसके बाद भारत ने कड़ा रुख दिखाया था. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा था कि खालिस्तानी आतंकियों को शरण देने वाले किसी भी देश से भारत अपने रिश्ते रखने को लेकर विचार करेगा. इसे कनाडा के लिए चेतावनी माना गया था.
मार्च में भी हुआ था सैन फ्रांसिस्को दूतावास पर हमला
इसी साल मार्च महीने में भी सैन फ्रांसिस्को स्थित दूतावास पर खालिस्तानी आतंकियों ने हमला कर दिया था. उस समय भी वहां तोड़फोड़ की गई थी. खिड़कियों के शीशे तोड़कर पेट्रोल बम अंदर फेंकने की कोशिश की गई थी. यह हमला उस दौर में हुआ था, जब खालिस्तान समर्थकों ने ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा आदि में भी भारतीय दूतावासों पर बवाल मचाया था. लंदन में भारतीय दूतावास से तिरंगा उतारकर खालिस्तानी झंडा लगा दिया गया था. इसके बाद भारत ने सख्ती दिखाई थी, जिसके चलते ब्रिटेन ने माफी भी मांगी थी और कुछ लोगों पर सख्त कार्रवाई की थी.
यूएस प्रशासन ने की निंदा, बताया आपराधिक मामला
सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय दूतावास पर हमले की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने निंदा की है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने ट्वीट में लिखा, अमेरिका सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ कथित बर्बरता और आगजनी के प्रयास की कड़ी निंदा करता है. अमेरिका में राजनयिक सुविधाओं या विदेशी राजनयिकों के खिलाफ बर्बरता या हिंसा एक आपराधिक मामला है.
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