Iran Terror Attack: ईरान में आतंकी हमलों में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई है. दक्षिण-पूर्वी ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में दो जगह रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स हेडक्वार्टर पर हमला किया गया है. Reuters ने गुरुवार को ईरान की स्टेट मीडिया के हवाले से बताया कि मरने वालों में 11 ईरानी सैनिक और 16 अन्य लोग शामिल हैं. स्टेट टीवी ने बुधवार देर रात हुए हमले के पीछे पाकिस्तानी सुन्नी मुस्लिम आतंकी समूह जैश अल-अदल का हाथ होने का आरोप लगाया है. टीवी ने कहा कि रात भर सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच फायरिंग हुई है, जिसमें कम से कम 8 आतंकी भी मारे गए हैं. ईरान के स्टेट टीवी ने आतंकी हमले के दौरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के 10 अधिकारियों के घायल होने की भी जानकारी दी है. ईरान के आंतरिक मंत्री मजीद मीराहमदी ने स्टेट टीवी से कहा, 'आतंकी चाबहार और रस्क में गार्ड्स हेडक्वार्टर्स को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी यह कोशिश फेल कर दी गई है.
शिया बहुल ईरान का सुन्नी प्रांत है सिस्तान
ईरान शिया मुस्लिम बहुल देश है, जबकि उसके सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी मुस्लिमों की जनसंख्या ज्यादा है. इसके चलते यहां लगातार अशांति बनी रहती है. पाकिस्तान के बलूचिस्तान इलाके के विद्रोही ग्रुप ईरान के इस प्रांत पर भी अपना दावा ठोकते हैं. उनका कहना है कि बलूचिस्तान इलाके को ईरान और पाकिस्तान ने बांट रखा है, जिसे एक करके अलग बलूचिस्तान देश बनाया जाना चाहिए. जैश अल-अदल सुन्नी मुस्लिम आतंकी समूह है, जो ईरान के सिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के बलूचिस्तान में अपने हमलों को ऑपरेट करता है.
कई बड़े हमले कर चुका है ईरान में जैश अल-अदल
जैश अल-अदल आतंकियों ने हालिया समय में ईरान में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया है. खासतौर पर सिस्तान-बलूचिस्तान इलाके में उन्होंने ईरानी सुरक्षा बलों को लगातार निशाना बनाया है. सिस्तान-बलूचिस्तान की सीमाएं पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सटी होने के कारण ये आतंकी आसानी से हमलों को अंजाम देकर इन दोनों देशों में घुसकर छिप जाते हैं. इसके अलावा यह आतंकी समूह इस प्रांत के जरिये अफगानिस्तान से बड़े पैमाने पर ईरान और फिर वहां से दूसरे देशों तक ड्रग्स की तस्करी करने का भी काम करता है.
ईरान ने जैश अल-अदल के लिए ही किए थे पाकिस्तान पर हमले
इस साल जनवरी में ईरान ने पाकिस्तान पर मिसाइलों से हमला किया था. ईरान ने इस हमले में पाकिस्तान में जैश अल-अदल के दो आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया था और कहा था कि उसका यह हमला पाकिस्तान पर नहीं है. जवाब में पाकिस्तान ने भी ईरान में मिसाइलें दागकर अपने यहां अशांति फैलाने वाले आतंकियों को निशाना बनाने का दावा किया था. इसके चलते दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ने की नौबत आ गई थी. हालांकि बाद में हालात बातचीत से संभल गए थे.
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