Israel Hamas War Updates: इजरायल पर फिलिस्तीनी आतंकी संगठन Hamas के हमले के बाद 5 महीने पहले शुरू हुई जंग में गुरुवार (29 फरवरी) को बेहद भयानक दिन रहा. गाजा शहर (Gaza City) के फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने इजरायली सेना पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है. उनका दावा है कि गुरुवार को खाने और राहत सामग्री इंतजार में लाइन लगाकर खड़े सैकड़ों आम फिलिस्तीनी नागरिकों पर इजरायली सेना ने अंधाधुंध गोलियां बरसाई हैं, जिसके चलते कम से कम 104 लोगों की मौत हो गई है और 280 से ज्यादा बुरी तरह घायल हुए हैं. हालांकि इजरायल ने इस दावे को गलत बताया है. इजरायल का कहना है कि लोगों की मौत राहत सामग्री छीनने के लिए भगदड़ मचने पर हुई है. अधिकतर लोग राहत सामग्रियों से भरे ट्रकों के नीचे कुचलकर मारे गए हैं. गाजा पट्टी में अक्टूबर से इजरायल और हमास के बीच लड़ाई (Israel Hamas War) चल रही है. इन पांच महीनों के दौरान मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 30,000 से ज्यादा हो चुकी है.
104 से भी ज्यादा हो सकती है मृतकों की संख्या
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा की मेडिकल टीमों का दावा है कि मरने वालों की संख्या 104 से भी ज्यादा हो सकती है, क्योंकि अल-शिफा अस्पताल (Al-Shifa Hospital) में घायलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. मेडिकल टीमों ने जख्मों की गंभीरता और घायलों की बड़ी संख्या को देखते हुए उनका इलाज करने में खुद को असमर्थ बताया है. इस हॉस्पिटल पर इजरायली सेना के कथित रॉकेट अटैक के बाद से इसका कुछ ही हिस्सा संचालित हो पा रहा है. फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इस घटना में मृतकों की संख्या को हालिया सप्ताहों में आम लोगों की सबसे बड़ी मौत बताया है.
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने भी लगाया है नरसंहार का आरोप
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने भी इजरायली सेना पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है. राष्ट्रपति महमूद ने कहा, इजरायली की कब्जा करने वाली सेना ने नेबुलसी के करीब राहत सामग्री के ट्रकों का इंतजार कर रहे लोगों पर गोलियां बरसाकर 'घृणित नरसंहार' किया है.
इजरायल ने खारिज किया है दावा
इजरायली सेना के अधिकारियों ने हमास के कब्जे वाले गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के दावे को खारिज किया है. एक अधिकारी ने कहा, उत्तरी गाज में दक्षिण दिशा से एंट्री लेकर मुख्य तटीय सड़क से राहत सामग्रियों से भरे ट्रकों के काफिले के गुजरने के दौरान दो अलग-अलग घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा, पहली घटना में ट्रकों को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने घेर लिया और इससे बने कंफ्यूजन के कारण ट्रक ड्राइवरों ने वाहनों को भगाने की कोशिश की, जिससे दर्जनों लोग उनके नीचे आकर घायल हो गए या मारे गए.
उन्होंने कहा, दूसरी घटना में लोगों की भीड़ ने इजरायली सेना के एक काफिले के पास दौड़ते हुए पहुंचने की कोशिश की. इस काफिले में एक टैंक भी था, जिसके चालक ने बचाव करने के लिए बम फायर कर दिया. उन्होंने कहा, सैनिकों ने भीड़ को डराने के लिए पहले हवाई फायर किए. इसके बाद भी भीड़ के खतरनाक अंदाज में दौड़ते हुए आगे बढ़ने पर बम फायर कर दिया गया. उन्होंने कहा, अब तक मिली जानकारी से यही बात सामने आई है. हालांकि हम मामले की जांच कर रहे हैं.
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