डीएनए हिंदी: इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग में अमेरिका की बढ़ती दखल, हिज्बुल्लाह को रास नहीं आई है. ईरान के समर्थन वाले इस्लामिल संगठनों ने सीरिया स्थित अमेरिकी सैन्य बेस को निशाना बनाया है. हिज्बुल्लाह ने इराक में दो सैन्य बेस को निशाना बनाते हुए तीन रॉकेट दागे हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यु्द्धग्रस्त इजरायल का दौरा किया था. वह हमास के हमले के बाद से ही इजरायल के पक्षधर रहे हैं. अब ईरान समर्थित गुटों ने बड़ा हमला बोला है. इजरायल इस जंग में हमास, फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद और हिजबुल्लाह, तीनों गुटों से एकसाथ लड़ रहा है.
इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले किए थे. इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह की विजिलेंस चौकियों को उड़ा दिया है. यहीं से एक दिन पहले, आतंकवादियों ने इजरायल की ओर एटीजीएम लॉन्च किया था.
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लेबनान सीमा पर इजरायली हमलों में सीरियाई सैन्य ठिकानों पर भी हमला किया गया था. यह सऊदी अरब द्वारा अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने की चेतावनी देने के कुछ घंटों बाद हुआ है.
अमेरिका को हिज्बुल्लाह से लगता है डर
द टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के मुताबिक जो बाइडेन प्रशासन ने कहा है कि इजरायली डिफेंस फोर्स हिजबुल्लाह के खिलाफ सैन्य अभियान न शुरू करे. अमेरिका ने कहा है कि यह युद्ध गाजा से आगे न बढ़ने पाएं. अमेरिका यह भी चाहता है कि हमास और हिज्बुल्लाह को उत्तरी सीमा के शिकस्त मिले, जहां से उन्होंने इजरायल पर हमला बोला था.
हिज्बुल्लाह बना इजरायल-अमेरिका के लिए चुनौती
लेबनानी आतंकी और ईरान समर्थित आतंकी बार-बार इजरायल को चुनौती दे रहे हैं. अमेरिका की भी हालत खाड़ी देशों में खराब होने वाली है क्योंकि इजरायल को समर्थन देना उसे महंगा पड़ सकता है. अगर ऐसी ही जंग छिड़ी रही तो अमेरिका को मजबूरन इस जंग में इजराय के साथ उतरना पड़ेगा. अमेरिका भी अपने दुश्मनों को नहीं बख्शता है.
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