'कश्मीर मुद्दा जटिल पर पाक को इस पर दावे का हक नहीं' UN बैठक में कश्मीर एक्टिविस्ट ने पड़ोसी देश को किया शर्मिंदा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 27, 2023, 10:41 PM IST

Who is Junaid Qureshi: जुनैद कुरैशी यूरोप के एक बड़े रिसर्च फाउंडेशन के डायरेक्टर हैं, जो दक्षिण एशिया मामलों पर रिसर्च करता है.

Kashmir News: पाकिस्तान पूरी दुनिया में भारत पर कश्मीर के अंदर जुल्म करने के आरोप लगाता रहता है, जबकि हर बार उसे मात खानी पड़ती है. पाकिस्तान खुद अपने कब्जे वाले कश्मीर को कैसे बदहाल और नर्क जैसा बना रहा है. इसकी पोल कई बार खुल चुकी है.

डीएनए हिंदी: India vs Pakistan- कश्मीर के मुद्दे पर लगातार भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में लगे रहने वाले पाकिस्तान की पोल एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुल गई है. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार (United Nations Human Rights) की 54वीं बैठक के दौरान बुधवार को एक कश्मीर एक्टिविस्ट ने पाकिस्तान की हकीकत पेश की है. पेशे से रिसर्च एनालिस्ट जुनैद कुरैशी ने पाकिस्तान पर अपने कब्जे वाले कश्मीर (POK) के लोगों को दूसरे देशों में माइग्रेट होने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया. कुरैशी ने इस्लामाबाद पर POK में जुल्म ढाने वाली राजनीति करने का आरोप लगाया. कुरैशी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा बेहद जटिल है, लेकिन पाकिस्तान को इसमें हस्तक्षेप करने और कब्जा जताने का कोई हक ही नहीं है, क्योंकि रियासत का भारत में कानूनी तौर पर विलय हुआ था. 

पाकिस्तान ने किस हक से किया है कश्मीर पर कब्जा?

जुनैद कुरैशी (Who is Junaid Qureshi) एमस्टर्डम स्थित यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (European Foundation for South Asian Studies) के डायरेक्टर हैं. उन्होंने पाकिस्तान के कश्मीर पर कब्जे पर भी सवाल उठाया. कुरैशी ने UNHRC में दुनिया के सभी देशों के सामने कहा, प्राथमिक सवाल ये है कि क्या कब्जा करने की ताकत किसी को बिना वैध अधिकार के एक इलाके पर नियंत्रण करने की इजाजत देती है? इसे (पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर को) वे आजाद या स्वतंत्र कहते हैं, लेकिन उनका व्यवहार यहां एक उपनिवेश की तरह का है, जिसका शोषण किया जा सकता है. उन्होंने इलाके के लोगों को अपनी शोषण करने वाली नीतियों और जानबूझकर अनदेखी के जरिये इतना गरीब बना दिया है कि वे लोग अपना अस्तित्व बचाने के लिए बड़ी संख्या में देश छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं. 

जून में हुए भयानक नाव हादसे की दिलाई सबको याद

कुरैशी ने कहा, जून में भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) में शरणार्थियों की नाव डूबने का सबसे भयानक हादसा हुआ था. इस हादसे के वक्त नाव में 750 लोग सवार थे, जिनमें 300 पाकिस्तानी शामिल थे. कुरैशी ने कहा, इन लोगों में 135 लोग पाकिस्तानी कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के रहने वाले थे. हादसे में इन सभी की मौत हो गई थी. कुरैशी ने कहा, इस तरह के बुरे हादसे पाकिस्तानियों के लिए आम बात हो चुके हैं, जो कभी खत्म होते नहीं दिख रहे आर्थिक, राजनीतिक और पर्यावरणीय संकट के कारण देश छोड़कर फरार होने के लिए मजबूर हैं.

बदहाली के कारण ऐसी खतरनाक नाव यात्रा करने पर मजबूर हैं युवा

कुरैशी ने कहा, पाकिस्तान के जुल्मी नेताओं ने POK में इस तरह का वातावरण तैयार कर दिया है कि वहां के युवा बड़े पैमाने पर देश छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं. POK में फैली बदहाली और गरीबी से निकलकर दूसरे देश में जाकर भविष्य बनाने के लालच में वे ऐसी खतरनाक यात्राएं (नाव हादसे जैसी) करने के लिए मजबूर होते हैं.

पाकिस्तान में उद्योग है मानव तस्करी

कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में पाकिस्तान को शर्मसार किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मानव तस्करी एक फलता-फूलता हुआ 'उद्योग' है, जिसे बेईमान राजनेताओं और अधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ है. ये बात पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग भी मान चुका है, जिसने ग्रीस नाव हादसे में पाकिस्तानी नेताओं को 'अपने हिस्से की जिम्मेदारी' लेने के लिए कहा था.

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