Gurpatwant Singh Pannun की हत्या की साजिश में भारतीय नागरिक पर चार्जशीट, लगाया गया है यह आरोप

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 29, 2023, 11:23 PM IST

Gurpatwant Singh Pannun (File Photo)

World News in Hindi: अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने गुरपतवंत सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप 52 साल के निखिल गुप्ता पर लगाया है, जिसमें उन्हें 10 साल कैद की सजा हो सकती है.

डीएनए हिंदी: Gurpatwant Singh Pannun Latest News- अमेरिका में रहकर भारत को बांटने की कोशिश कर रहे खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नूं की हत्या की साजिश का आरोप एक भारतीय नागरिक पर लगा है. अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने बुधवार को ये आरोप दाखिल किए, जिनमें 52 साल के निखिल गुप्ता को किराये पर हत्या कराने का आरोपी बनाया गया है. संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि निखिल अमेरिकी धरती पर पन्नूं की हत्या की उस साजिश में शामिल था, जिस साजिश को अमेरिकी एजेंसियों ने फेल कर दिया है. निखिल पर किराये का हत्यारा होने के अलावा भाड़े पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है. न्यूयॉर्क की सदर्न डिस्ट्रिक्ट के यूएस अटॉर्नी मैथ्यू जी. ओल्सन के मुताबिक, इन दोनों आरोप में निखिल को अधिकतम 10-10 साल कैद की सजा मिल सकती है.

गुप्ता को देने थे एक लाख यूएस डॉलर

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, निखिल गुप्ता ने हत्यारे को न्यूयॉर्क में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या करने पर 100,000 यूएस डॉलर देने का वादा किया था. गुप्ता के खिलाफ दाखिल चार्जशीट के मुताबिक, 9 जून, 2023 को गुप्ता और CC-1 (अज्ञात व्यक्ति) ने न्यूयॉर्क के मैनहटन में UC (हत्यारा) को हत्या के एडवांस पेमेंट के तौर पर 15,000 यूएस डॉलर देने के लिए एक सहयोगी की व्यवस्था की थी. हालांकि अभियोजन ने हत्या का शिकार होने वाले अमेरिकी नागरिक के नाम का खुलासा नहीं किया है, लेकिन फाइनेंशियल टाइम्स ने पिछले सप्ताह अपनी रिपोर्ट में अज्ञात सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि अमेरिकी प्रशासन ने प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नूं को मारने की साजिश को बेकार कर दिया है. फाइनेंशियल टाइम्स ने यह भीदवा किया था कि अमेरिका ने इस साजिश में शामिल होने के शक में भारत सरकार को भी चेतावनी दी है.
 
यूएस अटॉर्नी ने यह बताया है चार्जशीट के बारे में

न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट के यूएस स्टेट अटॉर्नी डेमियन विलियम्स ने कहा, जैसा कि आरोप लगाया गया है, प्रतिवादी (निखिल गुप्ता) ने भारत से यहां न्यूयॉर्क शहर में भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची थी, यह अमेरिकी नागरिक सार्वजनिक रूप से भारत में एक जातीय अल्पसंख्यक समूह सिखों के लिए संप्रभु राज्य की स्थापना की वकालत करता है. 

विलियम्स ने यह भी कहा कि उनके ऑफिस और लॉ एंफोर्समेंट पार्टनर्स ने इस जानलेवा व उग्रवादी खतरे को खत्म कर दिया है. हम अमेरिकी धरती पर अमेरिकी नागरिक की हत्या करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे और यहां या विदेश में अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाने और चुप कराने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति की जांच करने, उसे विफल करने और मुकदमा चलाने के लिए तैयार हैं.

बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया आरोपों का लिफाफा

न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट की यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में बुधवार को अभियोग से जुड़ा लिफाफा खोला गया. इस लिफाफे में और अन्य पब्लिक कोर्ट डॉक्यूमेंट्स में उस कथित साजिश का विवरण दिया गया है, जिसमें गुप्ता शामिल थे. इसके मुताबिक, मई, 2023 में गुप्ता को अमेरिका में पीड़ित (पन्नूं) की हत्या की साजिश रचने के लिए एक व्यक्ति ने भर्ती किया था. अभियोजकों के मुताबिक, 30 जून, 2023 को चेक अधिकारियों ने गुप्ता को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की थी. यह कार्रवाई अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत की गई थी. गुप्ता को अमेरिकी अधिकारियों के आग्रह पर पन्नूं की हत्या में शामिल होने के चलते चेक गणराज्य ने गिरफ्तार किया था. हालांकि यह बात इन दस्तावेजों में स्पष्ट नहीं है कि गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका कब प्रत्यर्पित किया गया था.

भारत के हाई लेवल जांच कमेटी बनाने के बाद हुई कार्रवाई

अमेरिका में अभियोजन ने भारतीय नागरिक के खिलाफ हत्या के आरोप दाखिल करने की कार्रवाई इस मामले में भारत के सख्त रुख के बाद की है. बुधवार को ही भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि अमेरिका ने कुछ 'इनपुट्स' शेयर किए हैं, जिनमें गैंगस्टरों, हत्यारों और आतंकियों के बीच गठजोड़ सामने आया है. उन्होंने कहा था कि भारत ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है, क्योंकि ये हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से जुड़े हैं और संबंधित विभाग को इनकी जांच करने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया था कि भारत ने इस मामले में 18 नवंबर को ही एक हाई-लेवल जांच कमेटी गठित कर दी थी, जो इस पूरे मसले को देख रही है. भारत की तरफ से यह स्पष्टीकरण दिए जाने के कुछ घंटे बाद अमेरिकी अभियोजकों ने अपने यहां कोर्ट में भारतीय नागरिक के खिलाफ इस मामले में आरोप दाखिल किए हैं.

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