डीएनए हिंदी: तलाक एक मुश्किल फैसला होता है.इससे जिंदगी की पूरी दिशा ही बदल सकती है. अगर माता-पिता तलाक लेते हैं तो बच्चों पर भी इसका असर होता है. इसके अलावा संपत्ति और कानूनी पेचिगदियों जैसी कई परेशानी भी सामने आती हैं. इसे लेकर इंग्लैंड में अब एक नया कानून बनाया गया है.
अब तक तलाक लेने वाले कपल्स को इसके कुछ कारणों में से किसी एक को साबित करना पड़ता था. बीते 50 सालों से तलाक की प्रक्रिया के तहत कपल्स को पहले एक दूसरे से बुरे व्यवहार, कंसेंट के साथ 5 साल का सेपरेशन, बिना कंसेंट के 2 साल का सेपरेशन , व्यभिचार जैसी बातों को साबित करना होता था. नया कानून बनने के बाद इसे साबित करने की जरूरत नहीं रहेगी. इसे ही नो फॉल्ट डिवोर्स का नाम दिया गया है. इस कानून के बाद अब शादी से नाखुश पति-पत्नी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए बिना शादी तोड़ सकते हैं. 6 अप्रैल 2022 से इसे लागू कर दिया गया है.
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इसे लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. कुछ लोगों का मानना है कि इस कानून के बाद अब लोगों को एक-दूसरे पर बिना वजह कीचड़ उछालने या आरोप लगाने की जरूरत नहीं होगी. अक्सर इससे बच्चों पर बुरा असर पड़ता है. इस नए कानून के बाद जब भावनात्मक रूप से दो लोग साथ नहीं रहना चाहते, तब वे आपसी सहमति से अलग हो सकते हैं. वहीं कुछ जानकारों के मुताबिक इससे तलाक के मामले बढ़ सकते हैं.
नए कानून के बाद अब तलाक के मामलों को निपटाने के लिए न्यूनतम 20 हफ्ते का समय दिया गया है.
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