DNA EXCLUSIVE: क्या युद्ध की तैयारी कर रहा चीन! नियम बदलकर शुरू की सेना भर्ती, ज्यादा सैनिक बढ़ाने का टारगेट

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 19, 2022, 04:19 PM IST

चीनी सेना ने नए नियमों से भर्ती की प्रक्रिया इसी महीने शुरू की है. कुछ खास सब्जेक्ट पढ़ चुके युवाओं को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है. साफ है कि चीन वैश्विक महाशक्ति बनने के लिए खुद को भविष्य के युद्ध के हिसाब से तैयार कर रहा है और अपने सैनिकों की तादाद बढ़ाना चाहता है. पेश है इस पर कृष्णमोहन मिश्रा की खास रिपोर्ट...

डीएनए हिंदी: चीन (China) किसी बड़े युद्ध की तैयारी में जुटा हुआ है. श्रीलंका में जासूसी जहाज, पाकिस्तान में सैनिक आउटपोस्ट्स बनाने की तैयारी के बाद अब चीन के एक और कदम ने यह शक पुख्ता कर दिया है. दरअसल चीनी सेना ने अपनी भर्ती के नियम बदल दिए हैं. भर्ती की आयु सीमा को 24 साल से बढ़ाकर 26 साल कर दिया गया है. इसके जरिए चीनी सेना ने ज्यादा से ज्यादा सैनिक अपने साथ जोड़ने का टारगेट तय किया है. 

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शुरू हो गई है भर्ती, खास सब्जेक्ट पढ़ चुके युवाओं को प्राथमिकता

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की पूर्वी कमान ने अगस्त में ही इस भर्ती प्रक्रिया का दूसरा दौर शुरू किया है. इसमें उन युवकों को खास प्राथमिकता दी जा रही है, जिन्होंने आधुनिक युद्धों में काम आने वाले विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनिरिंग और गणित जैसे सब्जेक्ट पढ़े हों. भर्ती में कम्प्यूटर या ड्रोन ऑपरेशन के अनुभव रखने वाले युवाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है. इससे साफ है कि चीन की नजर युद्ध मैदान में मैकेनिकल लड़ाई पर ज्यादा है.

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पूर्वी कमान के हवाले है ताइवान, लेकिन भारत के लिए भी अलर्ट

PLA की पूर्वी कमान ताइवान (Taiwan) समेत दक्षिण चीन सागर में आने वाले कई देशों की सीमाओं की जिम्मेदारी संभालती है. ऐसे में देखा जाए तो इस भर्ती अभियान से फिलहाल सीधे भारत को खतरा नहीं है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीनी सेना की तादाद बढ़ेगी तो भारत के लिए परेशानी उतनी ही ज्यादा बढ़ जाएगी.

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पहले भी अपने भर्ती मानकों में छूट दी थी चीन ने

यह पहली बार नहीं है, जब चीनी सेना ने अपने भर्ती नियमों में छूट दी है. इससे पहले साल 2014 में सेना ने ज्यादा युवाओं की भर्ती के लिए फिटनेस और ज़रूरी शारीरिक योग्यता मानकों में राहत दी थी. तब PLA ने पुरुषों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 162 सेमी से घटाकर 160 सेमी और महिलाओं के लिए न्यूनतम ऊंचाई 160 से घटाकर 158 सेमी कर दी थी.

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साथ ही देखने की क्षमता के मानकों को भी कम किया था, क्योंकि पाया गया था कि 70 फ़ीसदी चीनी युवक आंखों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं. साथ ही PLA ने सिज़ोफ्रीनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों के शिकार युवकों को भी भर्ती में मौका देना शुरू किया था. PLA ने खासतौर पर तिब्बती युवकों को भर्ती करने के लिए बड़े अभियान चलाए थे, ताकि शारीरिक औऱ मानसिक रूप से मज़बूत सैनिकों को सेना में भर्ती किया जा सके.

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क्यों जरूरत पड़ी है चीन को इस कदम की

लगभग 23 लाख सैनिकों वाली PLA दुनिया की सबसे बड़ी सेना है, लेकिन चीन में लंबे अरसे से जनसंख्या नियंत्रण के लिए लोगों को केवल एक ही बच्चा पैदा करने की अनुमति है. इस कारण चीनी युवा परिवार से लंबे समय तक दूर रखने वाली सेना की नौकरी के इच्छुक नहीं हैं. इसके चलते भर्ती के लिए आने वाले युवाओं की संख्या लगातार घट रही है. 

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भर्ती अधिकारियों के मुताबिक, चीनी युवा सेना में महज इसलिए भर्ती होते हैं ताकि सेना छोड़ने के बाद उन्हें आसानी से सरकारी नौकरी मिल सके. इसके अलावा कुछ और रोजगार नहीं मिलने पर ही सेना का विकल्प आजमाया जा रहा है. ताइवान संकट और अन्य देशों (भारत का सीधे नाम नहीं लिया गया) से मिल रही चुनौतियों के कारण सेना की संख्या ज्यादा बनाए रखना बेहद जरूरी है.

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