UNSC में भारत की स्थायी सीट पर 4 देश राजी, एक बना हुआ है बाधा, जानिए कैसे मिलती है सदस्यता

कुलदीप पंवार | Updated:Jul 22, 2022, 09:07 PM IST

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुछ ही देशों के पास स्थायी सदस्यता है. भारत के साथ ही जापान, ब्राजील जैसे देश भी ये संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. भारत का दावा कहां अटका है, इसकी जानकारी शुक्रवार को सरकार ने संसद में दी है.

डीएनए हिंदी: दुनिया की टॉप-6 अर्थव्यवस्थाओं में से एक और दूसरे नंबर की आबादी होने के बावजूद भारत को संयुक्त राष्ट्र (UN) की सुरक्षा परिषद में वीटो (Veto) का अधिकार क्यों नहीं मिल रहा है? इसका कारण केंद्र सरकार ने शुक्रवार को भारतीय संसद (Indian Parliament) में स्पष्ट किया. 

सरकार ने लोकसभा (Lok Sabha) में बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के 5 में से 4 स्थायी सदस्य देश भारत के स्थायी सदस्यता की मांग का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन एक स्थायी सदस्य की तरफ से सहमति नहीं बनने के कारण यह मामला अटका हुआ है. 

पहले जानिए क्या है UNSC और क्यों अहम है स्थायी सदस्यता

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भारत को स्थायी सदस्य नहीं होने से नुकसान

UNSC में भारत की तरफ से कई बार पाकिस्तान (Pakistan) के आतंकी संगठनों व आंतकियों के खिलाफ प्रस्ताव लाए गए हैं.  इन प्रस्तावों को हर बार चीन (China) की तरफ से वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर रोक दिया गया है. इनमें से कई प्रस्ताव अन्य स्थायी सदस्यों के समर्थन से भी लाए गए हैं, लेकिन वे भी चीन की वीटो पॉवर के कारण लागू नहीं हो पाए हैं.

क्या कहा गया है भारतीय संसद में

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में शुक्रवार को विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन (V Muraleedharan) ने स्थायी सदस्यता को लेकर भारतीय दावे की जानकारी दी. उन्होंने कहा, UNSC के 5 में से 4 स्थायी सदस्य देश द्विपक्षीय वार्ताओं में भारत को स्थायी सदस्य बनाए जाने के दावे का समर्थन करने की बात कह चुके हैं.

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किस देश ने नहीं किया है समर्थन

मुरलीधरन ने बताया कि UNSC में चीन इकलौता स्थायी सदस्य देश है, जो भारत को इस काउंसिल का स्थायी सदस्य बनाए जाने के खिलफ है. उन्होंने कहा, भारत लगातार इस काउंसिल में रिफॉर्म करते हुए इसके स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग करता रहा है. 

चीन कह चुका है ये बात

मुरलीधरन ने सदन को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के पिछले साल दिए बयान का हवाला दिया. उन्होंने कहा, चीनी प्रवक्ता ने कहा था कि चीन UNSC रिफॉर्म का समर्थन इस मायने में करता है कि इस काउंसिल का अधिकार और क्षमता को बढ़ावा मिले, साथ ही विकासशील देशों की आवाज को भी इसमें प्रतिनिधित्व मिले ताकि छोटे व मध्यम आकार के देशों को भी इसमें निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होने का महान मौका मिल सके.

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फिलहाल क्या चल रहा है इस बारे में

मुरलीधरन ने बताया कि UNSC रिफॉर्म्स की प्रक्रिया पर फिलहाल UN महासभा में इंटर-गवर्नमेंटल नेगोशिएसन (IGN) फ्रेमवर्क के तहत विचार चल रहा है, जहां भारत ने अपने विचारों से मेल खाने वाले देशों के साथ मिलकर इसे तत्काल आधार पर आगे बढ़ाए जाने का प्रस्ताव पेश किया है. साथ ही भारत इसके लिए अपने जुड़ाव वाले G-4 (भारत, जापान, ब्राजील व जर्मनी) और L-69 (एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों का क्रॉस रीजनल ग्रुप) में भी लॉबीइंग कर रहा है.

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