Hijab Row : मुस्लिम महिलाओं को हाशिये पर न भेजेंं - मलाला युसूफजई

| Updated: Feb 09, 2022, 03:56 PM IST

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई ने कहा कि भारतीय नेताओं द्वारा मुस्लिम औरतों को हाशिये पर धकेलने की कोशिशें बंद होनी चाहिए.

डीएनए हिंदी : देश में हिजाब अभी बहस के केंद्र में है. इस पर कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. नोबेल पुरस्कार विजेता और महिला अधिकार की मुखर आवाज़ मलाला युसूफजई ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. मलाला का कहना है कि भारतीय नेताओं के द्वारा मुस्लिम स्त्रियों को हाशिये पर धकेलने की कोशिश तुरंत बंद कर देनी चाहिए.

मलाला की प्रतिक्रया हाल में कर्नाटक सरकार द्वारा लगाए गए हिजाब प्रतिबन्ध के ऊपर आई हुई थी. कर्नाटक में हिजाब प्रतिबन्ध के बाद से ही लगातार विरोध हो रहे हैं.

मंगलवार को अपनी प्रतिक्रया ज़ाहिर करते हुए मलाला युसूफजई ने कहा कि "कॉलेज हमसे पढ़ाई और हिजाब में से एक चुनने को कह रहा है. हिजाब पहनी हुई लड़कियों को स्कूल में दाख़िल न होने देना डरावना है." उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा, "महिलाओं को लगातार वस्तु की तरह समझा जा रहा है. कभी कम कपड़े पहनने के लिए तो कभी अधिक. भारतीय नेताओं के द्वारा मुस्लिम औरतों को हाशिये पर धकेलने की कोशिशें बंद होनी चाहिए. "

Hijab विवाद: सद्भाव बिगाड़ने वाले कपड़े न पहनें, Karnataka सरकार के आदेश पर फिर भड़की सियासत

 

क्या है पूरा मसला

जानकारी के अनुसार यह विवाद  कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज में लड़कियों के हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुआ था जब कॉलेज प्रशासन ने क्लास के अंदर हिजाब पहनी हुई लड़कियों को दाखिल करने से मना कर दिया था.  बाद में कुंडापुर के एक कॉलेज में  कुछ छात्राएं जब हिजाब पहनकर पहुंची तो इसके जवाब में करीब 100 लड़कों ने केसरिया शॉल ओढ़कर इसका विरोध किया.  उसके बाद से यह मसला लगातार राजनैतिक रंग पकड़ता जा रहा है.

राज्य सरकार ने दिया ड्रेसकोड और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले कपड़े न पहनने का आदेश

यह मामला तब और गर्म हो गया जब राज्य सरकार ने ऐसे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया जिनसे स्कूलों और कॉलेजों में कथित तौर पर समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं. सरकार ने कर्नाटक शिक्षा कानून, 1983 के क्लॉज 133 (2) को लागू कर दिया. यह धारा एक ड्रेस यूनिफॉर्म को अनिवार्य करती है.

हाईकोर्ट में है मामला

हिजाब पहनने का मामला फिलहाल कर्नाटक हाईकोर्ट में है. छात्राओं ने हाई कोर्ट से क्लासरूम के अंदर हिजाब पहनने की इजाजत की गुहार की है. इस पर हाई कोर्ट के फैसले का इंतज़ार है.