डीएनए हिंदी: China Map Controversy- चीन की तरफ से अपने कथित 'स्टेंडर्ड मैप' में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताने से शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफतौर पर चीन को फटकार लगाते हुए उसके दावे को 'बेतुका' बताया है. विदेश मंत्रालय ने भी चीन के सामने कूटनीतिक तरीके से विरोध जताया है. भारत की नाराजगी के बाद चीन ने बुधवार को अपना रिएक्शन दिया है, जिसमें उसने खुलेआम बेशर्मी दिखाते हुए नक्शे को पूरी तरह कानून के तहत जारी करने की बात कही है. उधर, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस विवाद पर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है और उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया है. कारगिल युद्ध के समय भारत के सेना प्रमुख रहे जनरल वेद मलिक ने इस नक्शे को चीन की तरफ से सीमा विवाद नहीं सुलझाने की मंशा का संकेत बताया है. उन्होंने भारत सरकार को तिब्बत और ताइवान पर वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करने की बजाय उनके पुराने रूप को घोषित करने की सलाह दी है.
चीन ने भारत की आपत्ति के जवाब में कही है ये बात
भारत की तरफ से आपत्ति जताने के बाद चीन ने बुधवार को स्टैंडर्ड मैप पर रिएक्शन दिया. चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ची के स्टैंडर्ड मैप के 2023 एडिशन को रिलीज करना कानून के दायरे में देश की अखंडता दिखाने की सामान्य प्रक्रिया है. उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इसे वैकल्पिक तरीक से ट्रीट करेगा और इसके अन्य मायने नहीं निकालेगा. इससे पहले चीन के सरकारी मीडिया ने भी कहा था कि चीन ने ‘राष्ट्रीय मानचित्र जागरूकता प्रचार सप्ताह’ के तहत नक्शा जारी किया है, जिसे दूसरे डिजिटल और नेविगेशनल मैप्स वाले प्लेटफार्म अपनाएंगे.
विदेश मंत्री जयशंकर ने कही थी ये बात
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के नए नक्शे को बेतुका बताया है. साल 2009 से 2013 तक चीन में भारत के राजदूत भी रह चुके जयशंकर ने एक टीवी चैनल से मंगलवार को कहा था कि नए नक्शे जारी करना चीन की पुरानी आदत है. नक्शों में भारत के हिस्से शामिल कर देने से कुछ नहीं बदलता. अपने इलाके को लेकर हमारी सरकार का रुख बिल्कुल स्पष्ट है. बेतुके दावे करने से दूसरों के इलाके आपके नहीं हो जाएंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ऐसे दावे केवल सीमा विवाद को उलझाएंगे
विदेश मंत्रालय ने भी चीन के नए नक्शे पर बयान जारी किया है. मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हम ऐसे बेबुनियाद दावे खारिज करते हैं. चीन के ऐसे कदम सीमा विवाद सुलझाने की जगह इसे सिर्फ उलझाएंगे. भारतीय इलाकों पर दावा करने वाले चीन के कथित स्टैंडर्ड मैप पर हमने कूटनीतिक चैनलों से भी कड़ा विरोध जताया है.
राहुल गांधी ने कसा इस तरह तंज
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी नक्शा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर तंज कसा है. बंगलुरू जा रहे राहुल ने दिल्ली एयरपोर्ट पर मीडिया से कहा, मैं तो सालों से कह रहा हूं कि एक इंच भी जमीन नहीं जाने की बात प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं. मैं लद्दाख से आया हूं. पीएम मोदी ने कहा था कि लद्दाख में एक इंच ज़मीन नहीं गई. ये सरासर झूठ है. राहुल गांधी ने कहा, चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है, ये बात पूरा लद्दाख जानता है. नक्शे की बात तो बेहद गंभीर है, लेकिन इन्होंने जमीन ले ली है, उसके बार में तो पीएम को कुछ बोलना चाहिए.
पूर्व सेना प्रमुख ने दी है भारत सरकार को ये सलाह
पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध के समय भारतीय सेना प्रमुख रहे जनरल मलिक ने भी इस विवाद पर सरकार को सलाह दी है. जनरल मलिक ने ट्वीट में कहा, नक्शा जारी करना दिखाता है कि बीजिंग का सेना विवाद सुलझाने का इरादा नहीं है. उन्होंने आगे सवालिया अंदाज में सलाह देते हुए कहा, क्या भारत को तिब्बत की पुरानी स्थिति को घोषित नहीं करना चाहिए और वन चाइना पॉलिसी को त्यागना नहीं चाहिए?
चीन के नक्शा जारी करने की टाइमिंग पर सवाल
चीन ने नए नक्शे में भारत के इलाकों को ही अपना नहीं दिखाया है बल्कि पूरे दक्षिण चीन सागर और ताइवान को भी चीनी इलाके के तौर पर दिखाया गया है. इन सभी जगह उसका सीमा विवाद चल रहा है. चीन की नक्शा जारी करने की टाइमिंग भी सवाल खड़े कर रही है. पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण अफ्रीका को जोहान्सबर्ग में सीमा विवाद सुलझाने पर चर्चा हुई थी. इसके अलावा 8 से 11 सितंबर तक दिल्ली में जी-20 बैठक है, जिसमें जिनपिंग भी भाग लेंगे. ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि चीन ऐसे समय में यह विवाद क्यों खड़ा कर रहा है?
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