धरती को एस्टेरॉयड हमले से बचाने के लिए NASA ने लॉन्च किया मिशन DART

| Updated: Nov 25, 2021, 12:32 PM IST

NASA (File Photo)

नासा ने धरती की ओर आ रहे एस्टेरॉयड की दिशा बदलने के लिए डार्ट मिशन लॉन्च किया है. स्पेसक्राफ्ट के जरिए स्टेरॉयड की दिशा बदली जा सकती है.

डीएनए स्पेशल: धरती अब किसी भी क्षुद्र ग्रह या एस्टेरॉयड अटैक से महफूज रहेगी. नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने मिशन डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (DART) लॉन्च किया है.  कैलिफोर्निया के वेंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से नासा एक एक स्पेस एयरक्राफ्ट ने 24 नवंबर को 11.50 मिनट पर उड़ान भरी है. 

यह स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में 2022 के शुरुआती महीनों में एक उल्कापिंड डायमोफोर्स से टकराएगा. डायमोफोर्स से इस स्पेसक्राफ्ट के टकराने पर अध्ययन किया जाएगा कि भविष्य में जब बड़े एस्टेरॉयड या उल्का पिंड के धरती से टकराने की आशंका हो तब इनकी दिशा बदली जा सके. उल्का पिंड का आकार करीब 525 फीट है. आकार में 160 मीटर है. 

डायमोफोर्स पृथ्वी से 1 करोड़ 10 लाख किलोमीटर दूर है. इससे डायमोफोर्स (Dimorphos) की दिशा बदल जाएगी. इसकी पृथ्वी से टकराने की दिशा बदल जाएगी. यह उल्का पिंड अपने से बड़े आकार के एक उल्कापिंड डिडिमोस का चक्कर लगाता है. 2022 तक डार्ट स्पेसक्राफ्ट डायमोफोर्स से टकराएगा. अनुमान के मुताबिक तब यह एस्टेरॉयड धरती से 7 मिलियन मील की दूरी पर होगा.

भविष्य के खतरों पर रहेगी नजर!

वैज्ञानिकों ने एक साथ 2 उल्कापिंडों का चयन इसलिए किया है कि अगर एक उल्कापिंड डार्ट से टकराता तो रास्ता सिर्फ 0.000006 फीसदी तक ही उल्का पिंड भटक सकता था. इस बदलाव की गणना करने में कई साल लगते. इस टकराव से डायमोफोर्स का रास्ता केवल 1 फीसदी तक भटकेगा. जब स्पेसक्राफ्ट डार्ट से टकराएगा तब इसकी रफ्तार  6.6 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. नासा का यह प्रयोग अगर सफल होता है तो भविष्य में उल्कापिंडों या एस्टेरॉयड के टकराव के खतरे को कम किया जा सकेगा.