Russia के खिलाफ NATO की नई प्लानिंग, रूसी सीमाओं पर हो सकती है स्थायी सैन्य उपस्थिति

| Updated: Apr 10, 2022, 08:16 AM IST

नाटो प्रमुख ने कहा है कि यूरोप की सुरक्षा को लेकर नाटो नए सिरे से काम करेगा और इसके तहत नीतियों को पहले से अदिक दुरुस्त किया जाएगा.

डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) की एक मुख्य वजह यह है कि रूस किसी भी कीमत पर यह नहीं चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो जिससे नाटों की सेनाएं रूसी सीमा तक पहुंचे लेकिन नाटो की प्लानिंग लगातार रूस के खिलाफ आक्रामक बनी हुई है. नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग (Jens Stoltenberg) के बयानों के आधार पर खबरें हैं कि नाटो भविष्य में रूसी आक्रमण से लड़ने के प्रयास में अपनी सीमा पर स्थायी सैन्य उपस्थिति की योजना पर काम कर रहा है. 

नाटो बदल रहा है नीतियां

स्टोलटेनबर्ग ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, नाटो एक बहुत ही मौलिक परिवर्तन के बीच मे है जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कार्यों के "दीर्घकालिक परिणामों" को प्रतिबिंबित करेगा. उन्होंने कहा, "अब हम जो देख रहे हैं वह एक नई वास्तविकता है, यूरोपीय सुरक्षा के लिए एक नया सामान्य है. इसलिए, हमने अब अपने सैन्य कमांडरों को विकल्प प्रदान करने के लिए कहा है जिसे हम रीसेट कहते हैं." 

आपको बता दें कि अमेरिका के नेतृ्त्व वाली 30 देशों से ज्यादा के इस संगठन के प्रमुख स्टोलटेनबर्ग, ने हाल ही में कहा था कि वह गठबंधन के प्रमुख के रूप में अपना कार्यकाल एक साल तक बढ़ाएंगे. वहीं नाटों की बदली हुई नीतियों को लेकर निर्णय पर उन्होंने कहा कि भी रीसेट पर निर्णय जून में मैड्रिड में होने वाले नाटो शिखर सम्मेलन में किए जाएंगे.

यूक्रेन की मदद के लिए Boris Johnson ने किया स्पेशल पैकेज का ऐलान, कीव में की जेलेन्स्की से मुलाकात

यूरोप में गहराया शरणार्थी संकट

गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा कर दिया है और पश्चिमी देशों को अपनी रक्षा नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है. पश्चिमी देश लगातार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बयान दे रहे हैं साथ ही यूरोप की सुरक्षा के लिए नए तरीके से नीति बनाने की बात कर रहे हैं. 

आज से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगेगी Covid Vaccine की बूस्टर डोज, जानिए इससे जुड़ी सारी जानकारी

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.