डीएनए हिंदी: ऑकलैंड के फेमस रेडियो होस्ट हरनेक सिंह की हत्या की कोशिश करने के आरोप में तीन खालिस्तानियों को सजा सुनाई गई है. तीनों खालिस्तान आंदोलन के लिए काम कर रहे थे. सर्वजीत सिद्दधू ने पहले हत्या की कोशिश की थी, जिसमें उसकी सुखप्रीत सिंह ने मदद की थी. द ऑस्ट्रेलिया टुडे ने एनजेड हेराल्ड के हवाले से बताया है कि एक तीसरे शख्स ने हत्या की साजिश रची थी.
सुनवाई के दौरान, जस्टिस मार्क वूलफोर्ड ने सामुदायिक सुरक्षा और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ आवाज बुलंद करने का निर्देश दिया है. यह हमला 23 दिसंबर, 2020 को हुआ था. हरनेक सिंह लौट रहे थे तभी उनके रास्ते में धार्मिक चरमपंथियों के एक समूह ने घात लगाकर हमला किया था. उन्हें 40 से अधिक चाकू के घाव लगे और ठीक होने के लिए 350 से अधिक टांके और कई सर्जरी की जरूरत भी पड़ी.
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जस्टिस वूलफोर्ड ने सजा सुनाते हुए कहा, 'यह धार्मिक कट्टरता है. इस पर अलग नजर रखने की जरूरत है. समुदाय को हिंसा से बचने की जरूरत है. इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है.'
कौन हैं हरनेक सिंह?
हरनेक सिंह न्यूजीलैंड का लोकप्रिय जॉकी हैं. ये निक्की के नाम से मशहूर हैं. इनकी कार का पीछा तीन लोगों ने किया था, जिसके बाद हमलावरों ने उन्हें चाकू मार दिया. हमले के बाद वह लगातार हॉर्न बजाते रहे जिससे पड़ोसियों ने उन्हें किसी तरह बचा लिया. हरनेक उदारवादी विचारधारा में भरोसा रखते हैं, वह अतिवादी सिख नहीं हैं.
क्यों हुआ था हमला?
अवतार सिंह नाम के एक शख्स ने कोर्ट से कहा था कि हमलावर ने चाकू का इस्तेमाल किया था. अवतार के दोस्त बलजिंदर ने अदालत को बताया कि उसे हरनेक को मारने के लिए कहा गया था. द ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हरनेक सिंह ने कोर्ट से कहा था कि वह सिख धर्म के लिए बेहद कट्टर नहीं थे. उनके आलोचक रूढ़िवादी थे.
हरनेक सिंह ने प्रतिवादियों को सीधे संबोधित करते हुए कहा, 'आप मुझे मारने आए थे. आपने मुझे चुप कराने की कोशिश की. आप उन सभी को एक डरावना संदेश भेजना चाहते थे जो आपके अपरंपरागत धार्मिक विचारों से असहमति व्यक्त करते हैं लेकिन आप असफल रहे.'
किस हमलावर को मिली कितनी सजा?
हमले के पीछे के मास्टरमाइंड को साढ़े 13 साल की सजा मिली है. सर्वजीत सिद्धू को साढ़े नौ साल की कैद की सजा सुनाई गई, जबकि सुखप्रीत सिंह को छह महीने की नजरबंदी की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने दो लोगों, जगराज सिंह और गुरबिंदर सिंह को अपर्याप्त सबूतों की वजह से बरी कर दिया, वहीं जोबनप्रीत सिंह और हरदीप सिंह संधू, हरनेक सिंह की भूमिका की जांच चल रही है.
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