डीएनए हिंदीः 'कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती.'
यह पक्तियां तो आपने हजारों बार सुनी होंगी. इन लाइनों का मतलब भी आपको पता होगा. अब जापान के बुजुर्ग ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि उनके ऊपर यह प्रेरणा देनी वाली लाइन बिल्कुल सटीक बैठती है. दरअसल जापान के 83 साल के बुजुर्ग केंनची होरी (Kenichi Horie) ने अकेले ही प्रशांत महासागर की ऊंची-ऊंची लहरों को मात देने का प्रयास कर रहे हैं. वो इस समय एक तिहाई प्रशांत महासागर पार कर चुके हैं.
बुजुर्ग का नाम केंनची होरी है जो अकेले ही प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) पार करने का प्रयास कर रहे हैं. वो अकेले इस दुर्लभ महासागर को पार करने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बनना चाहते हैं. यह खबर लिखे जाने तक उन्होंने एक तिहाई से ज्यादा प्रशांत महासागर पार कर लिया था.
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केंनची होरी ने कहा - यात्रा का आनंद ले रहा हूं
केंनची होरी ने 2004 और 2005 के बीच 66 साल की उम्र में नाव से अकेले दुनिया की यात्रा की है. उन्हें जापान में इस तरह के अन्य कारनामों के लिए जाना जाता है. केंनची होरी ने सोमवार को टेलीफोन पर जापानी प्रसारक एनएचके से बात करते हुए कहा, "मैं फिलहाल बिना किसी परेशानी के सही से यात्रा कर रहा हूं और आनंद ले रहा हूं."
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केंनची होरी नाव पर एक मोबाइल ऐप और उपग्रह आधारित प्रसारण का उपयोग कर रहे हैं जिससे उनकी वेबसाइट पर वास्तविक समय में देखा जा सके. उन्हें दक्षिणी जापान से प्रशांत क्षेत्र में निशिनोमिया शहर की यात्रा के लिए 3,384 लंबी समुद्री यात्रा करनी है. अगर यात्रा में कोई बड़ी बाधा नहीं आती है तो यात्रा जून की शुरुआत में समाप्त होने की उम्मीद है.
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