डीएनए हिंदीः चीन के वुहान शहर से निकला कोरोनावायरस दुनिया में पिछले दो वर्षों से तांडव मचा रहा है क्योंकि इससे जान माल का खतरा देख पूरी दुनिया ठप पड़ गई है. भारत में वैक्सीनेशन के बनते रिकॉर्ड्स एवं सरकारों की सख्ती के दम पर कोरोना की रफ्तार भले ही सुस्त हो चुकी हो किन्तु दुनिया भर में इसका नया वेरिएंट ओमीक्रॉन जन्म ले चुका है. इसके खतरे को देख एक बार फिर विश्व के कई देशों की सांसे फूलने लगी हैं जिसका सबसे बड़ा नुकसान वैश्विक शेयर मार्केट में भी दिखने लगा है.
बड़े उद्योगपतियों को नुकसान
ओमीक्रॉन कोरोनावायरस का एक नया वेरिएंट है जो कि यूरोप समेत विश्व के कई देशों में पुनः मौतों का तांडव मचाने लगा है. इसके चलते आम जन मानस तो बीमार है ही, साथ ही स्टॉक मार्केट पर भी इसकी बुरी मार पड़ी है. इसका असर विश्व के दस बड़े उद्योगपतियों पर भी हुआ है. दुनिया के दस बड़े उद्योगपति अब तक 38 बिलियन डॉलर अर्थात 28,44,58,50,00,000 रुपए का नुकसान उठा चुके हैं. वहीं अभी इसमें भारी गिरावट की संभावनाएं भी बनी हुई हैं.
हाई अलर्ट पर हैं देश
टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क, जेफ बेजोस, बर्नार्ड आर्नाल्ट, जुकरबर्ग, बिलगेट्स समेत सभी टॉप 10 रईसों को कोरोनावायरस के इस नए वेरिएंट ने अपना शिकार बनाया है. इसको लेकर डॉक्टरों द्वारा विशेष सावधानी बरतने की बातें कही जा रही हैं. इस वेरिएंट के खतरे को देखते हुए ही चीन, बोत्सावना, दक्षिण अफ्रीका, यूके, ब्राजील, इजराइल, बांग्लादेश, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, और हांगकांग जैसे देशों ने अपने पूरे प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा है.
सभी को हुआ है नुकसान
कोरोना के इस वेरिएंट के चलते उद्योगपति लैरीपेज की संपत्ति में जहां 3.14 अरब डॉलर की कमी आई तो फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति में 2.93 अरब डॉलर की चपत लगी है. सर्गी ब्रिन, स्टीव वॉल्मर, लैरी एलिशन और वॉरेन बफेट को भी एक से 3 अरब डॉलर तक की चोट पहुंची है. वहीं इस चपत का बड़ा झटका एलन मस्क एवं जेफ बेजोस के हिस्से ही आया है.
ऐसा नहीं है कि ओमीक्रॉन वेरिएंट का असर भारत में नहीं पड़ा है. इस घाटे के गणित में यदि भारतीय अरबपतियों नाम लें तो रिलायंस के प्रमुख मुकेश अंबानी को 3.68 अरब डालर का नुकसान हुआ है. वहीं सबसे ज्यादा नुकसान में गौतम अडानी को हुआ और उनकी संपत्ति में 12.4 अरब डॉलर की कमी आई है. उद्योगपतियों का नुकसान ओमीक्रॉन की भयावहता के संकेत देने लगा है जिससे भविष्य में एक बार फिर नया आर्थिक एवं चिकित्सीय संकट खड़ा हो सकता है.