Omicron के कहर के बीच आई फाइजर की दवा Paxlovid, 90 % कम होगा मौत का खतरा

| Updated: Dec 23, 2021, 12:58 PM IST

अमेरिका ने कोरोना की पहली दवा Pfizer Paxlovid को दी मंजूरी

ओमीक्रॉन से संक्रमित लोगों में ये एंटी वायरल दवा हॉस्पिटलाइजेशन और मौत का खतरा 90 प्रतिशत तक कम कर देगी.

डीएनए हिंदीः ओमिक्रॉन का खतरा पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है. इसी बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है. अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) की पैक्सलोविड (Paxlovid) टैबलेट को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी है. अमेरिका की यह पहली ऐसी टैबलेट है, जिसे घर पर कोविड-19 (COVID-19) उपचार में प्रयोग में लाया जाएगा. इसके तहत अब 12 साल या उससे ऊपर वय के उच्च जोखिम वाले कोरोना संक्रमित लोग पैक्सलोविड टैबलेट का सेवन कर सकेंगे. दावा किया जा रहा है कि इस दवा को लेने के बाद मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने के चांस बेहद कम हो जाएंगे. हालांकि भारत में अभी इस दवा को मंजूरी नहीं मिली है. 

90 % तक कारगर 
फाइजर कंपनी ने दावा किया है कि उसकी एंटीवायरल ड्रग कोरोना संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे को 89 फीसदी तक कम करती है. यही नहीं, एक हफ्ते पहले फाइज़र ने यह भी दावा किया था कि पैक्सलोविड ओमीक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ 90 % कारगर है. कंपनी की ओर से इसे कोरोना की पहली दवा के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. 
 
12 साल से अधिक उम्र के मरीजों को मिलेगी दवा
ये दवा अभी सिर्फ उन मरीजों को दी जाएगी जिनकी उम्र 12 साल से ऊपर होगी और जिनका वजन कम से कम 40 किलो होगा. अगर 12 साल से अधिक उम्र होने के बाद भी आपका वजह 40 किलो से कम ह तो आप इस दवा का सेवन नहीं कर सकेंगे. इस दवा का 5 दिन का कोर्स होगा. इसके साथ ही किडनी से जुड़े लोगों को भी इस दवा का इस्तेमाल ना करने की सलाह दी गई है. एफडीए ने चेताया है कि किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों को इस दवा के इस्तेमाल से बचना चाहिए.