डीएनए हिंदीः कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. इस वेरिएंट की सबसे पहले 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पुष्टि हुई थी जिसके बाद यह अब दुनिया के 77 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है. ओमिक्रॉन को कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों में सबसे खतरनाक माना जा रहा है. मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस ए घेब्रेयेसस ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि दुनिया में वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है. ऐसा पहले किसी वेरिएंट में नहीं देखा गया.
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बूस्टर डोज का लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं
दुनिया में जिस तेजी से ओमिक्रॉन वेरिएंट फैल रहा है, उसके बाद बूस्टर डोज को लेकर काम तेज हो गया है. कई देशों में बूस्टर डोज को बड़े स्तर पर आबादी को लगाया जा रहा है. हालांकि ओमिक्रॉन के खिलाफ बूस्टर डोज को लेकर भी डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने अपनी राय जाहिर की. उन्होंने कहा, “ओमिक्रॉन वेरिएंट ने कुछ देशों को अपनी संपूर्ण वयस्क आबादी के लिए कोरोना बूस्टर कार्यक्रम शुरू करने के लिए मजबूर किया, जबकि हमारे पास इस बात के पर्याप्त सुबूत नहीं हैं कि कोरोना के इस नए वेरिएंट के खिलाफ बूस्टर कितना असरदार है.”
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ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले भारत समेत बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, इजरायल, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, नीदरलैंड, जापान, जर्मनी और फ्रांस सहित कई देशों में सामने आ चुके हैं. ओमिक्रॉन को कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों में सबसे खतरनाक माना जा रहा है. डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर को इसे ‘चिंताजनक’ स्वरूप (Variant of Concern) बताते हुए ओमिक्रॉन नाम दिया. 24 नवंबर को दुनिया में पहला मामला सामने आने के बाद 26 नवंबर को WHO ने इसे ‘चिंताजनक स्वरूप’ श्रेणी में रखा. भारत में दूसरी लहर का कारण बने डेल्टा वेरिएंट को भी इसी श्रेणी में रखा गया था.