डीएनए हिंदी: पाकिस्तान ने इस्लामिक पहचान को बचाने के लिए देश के शैक्षणिक संस्थानों में होली और अन्य हिंदू त्योहारों के जश्न पर प्रतिबंध लगा दिया है. पाकिस्तान को डर है कि इस वजह से उनकी इस्लामिक पहचान खतरे में पड़ जाएगी. दुनियाभर में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए बदनाम पाकिस्तान ने एक और तालिबानी कदम उठाया है.
होली और अन्य हिंदू त्योहारों के जश्न मनाने के कई वीडियो पाकिस्तान में सामने आ चुके हैं. अब पाकिस्तान के शिक्षा विभाग ने यह कड़ा कदम उठाया है. पाकिस्तान ने एक बार फिर साबित किया है कि उनकी आस्था केवल इस्लाम में है, अल्पसंख्यकों पर अपना अत्याचार जारी रखेंगे. हिंदू और सिख आबादी के खिलाफ यह बड़ा कदम माना जा रहा है.
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पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग, इस्लामाबाद ने यह आदेश जारी किया है. आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसी गतिविधियों को देखना दुखद है, जो हमारे सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों और देश की इस्लामी पहचान के लिए खतरा हैं.
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क्यों पाकिस्तान ने उठा है यह कदम?
पाकिस्तान के क़ैद-ए-आज़म यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्रों ने इस्लामाबाद के कैंपस में होली मनाई थी. लोग रंगों में डूबे नजर आए थे. पाकिस्तान के आयोग ने कहा है कि ऐसे वीडियो, देश की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं. लोगों का बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना, चिंताजनक है.
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पाकिस्तान के इस तालिबानी फरमान की दुनियाभर में आलोचना हो रही है. पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कई ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. अब पाकिस्तान के तुगलकी फरमान ने एक बार फिर मानवाधिकार संस्थाओं को चिंता में डाल दिया है.
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