डीएनए हिंदी: पाकिस्तान अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक त्रासदी (Pakistan Economic Crisis) का सामना कर रहा रहा है. हाल ही में पाकिस्तान करीब साढ़े 6 अरब डॉलर की मदद लेने के लिए IMF के दरवाजे पहुंचा था लेकिन IMF ने उसे केवल 3 अरब डॉलर की ही सहायता दी है. पाकिस्तान पर इतना ज्यादा कर्ज है कि उसके लिए यह राशि 'ऊंट के मुंह में जीरे' से ज्यादा कुछ नहीं है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (PM Shehbaz Sharif) और उनकी सरकार ने IMF से मदद लेने के लिए काफी मशक्कत की थी, लेकिन उनके हाथ निराशा ही लगी है. ऐसे में अब पीएम शरीफ का सब्र जवाब दे रहा है और अब वो अपने पीएम पद को कांटों का ताज तक बताने लगे हैं.
दरअसल, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि कार्यकाल के अंत में वे सरकार छोड़ देंगे. शहबाज शरीफ ने कहा है कि चुनाव कराना चुनाव आयोग का काम है जिसकी घोषणा आयोग संविधान के आधार पर ही करेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति से उकता चुके पीएम शहबाज शरीफ कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं.
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कब इस्तीफा देंगे शहबाज शरीफ?
चुनावी स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि अगर किसी और को चुनाव में मौका मिलेगा तो वे उसे सहयोग देंगे. देश की खस्ताहाल स्थिति को ठीक करने के लिए शहबाज शरीफ ने एकता बनाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि तुम और मैं मिलकर अगर हम नहीं बनेंगे, तो पाकिस्तान का विकास असंभव हो जाएगा.
महंगाई के मुद्दे पर दी नसीहत
देश में बढ़ती महंगाई और आर्थिक तंगी को लेकर शहबाज शरीफ ने कहा कि IMF की मदद से देश में महंगाई कम होने की कोई संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि महंगाई को लेकर हल्की बात करना जनता के साथ एक धोखा या छलावा है.
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जारी हैं महंगाई के विस्फोट
बता दें कि पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है. आटे दाल चावल से लेकर चिकन तक की कीमत में भारी इजाफा हो चुका है. हाल ही में बकरीद के मद्देनजर पूरे पाकिस्तान में महंगाई का बम फूटा था, और चिकिन की कीमत 1400 से 1600 रुपये तक में पहुंच गई थी. तर्की, चीन, कतर, सऊदी अरब, यूएई से पाकिस्तान ने अरबों डॉलर का कर्ज ले रखा है, जिसे चुकाने के चक्कर में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गर्त में चली गई है.
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