डीएनए हिंदी: पाकिस्तान (Pakistan) इन दिनों सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि कुछ लोगों को एक वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है. भुखमरी और महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ रखी है. आटा 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि मित्र देशों से और कर्ज मांगने में उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है क्योंकि यह नकदी संकट से जूझ रहे देश की आर्थिक चुनौतियों का स्थायी समाधान नहीं है.
शहबाज शरीफ शनिवार को पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (पीएएस) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के पासिंग आउट समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान अपने संबोधन में इसको लेकर खेद जताया कि पिछले 75 वर्षों के दौरान देश की विभिन्न सरकारों ने आर्थिक मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया. शरीफ ने वित्तीय सहायता के लिए सऊदी अरब की प्रशंसा करते हुए कहा कि और कर्ज मांगने में उन्हें वास्तव में शर्मिंदगी महसूस होती है.
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उन्होंने कहा कि विदेशी कर्ज मांगना पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों का सही समाधान नहीं है क्योंकि ऋण वापस भी करना होगा. उन्होंने कहा कि अगर सही नीतियों को सही समय पर लागू किया गया होता तो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त किया जा सकता था और विदेशी ऋणों से बचा जा सकता था. वर्तमान समय में पाकिस्तान आर्थिक मुद्दों का सामना कर रहा है.
UEA ने किया मदद का ऐलान
शहबाज शरीफ हाल में संयुक्त अरब अमीरात (UEA) की यात्रा पर थे और उस दौरान वहां से शेख मोहम्मद बिन जायद ने पाकिस्तान को एक अरब अमेरिकी डॉलर का और ऋण देने की घोषणा की थी.
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तीन गुना बढी खाद्य महंगाई दर
6 जनवरी 2022 को पाकिस्तान में जो प्याज 36 रुपये किलो रुपये मिलता था, 5 जनवरी 2023 तक उसकी कीमत 500 पर्सेंट बढ़ गई है और अब एक किलो प्याज की कीमत 220 रुपये है. डीजल के दाम में 61 प्रतिशत और पेट्रोल के दाम में 48 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है. एक साल में आटा, चावल और दाल के दामों में भी 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है. साल 2022 में पाकिस्तान में महंगाई दर 12.3 प्रतिशत थी. 2023 आते यही दर दोगुनी होकर लगभग 25 प्रतिशत पहुंच गई है. महंगाई का सबसे बड़ा कारण खाने-पीने की चीजें महंगी होना है. खाद्य मंहगाई दर लगभग तीन गुना बढ़ गई है. दिसंबर 2021 में जो दर 11.7 प्रतिशत पर भी वही अब 33 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
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