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Pakistan अर्थव्यवस्था के बाद पढ़ाई में भी फिसड्डी, बच्चे गणित, विज्ञान, अंग्रेजी सबमें कमजोर

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तो बदहाल है ही, शिक्षा व्यवस्था का हाल भी बुरा है. एक सर्वे में पता चला है कि पाकिस्तानी बच्चों की पढ़ाई का स्तर खराब है.

Pakistan अर्थव्यवस्था के बाद पढ़ाई में भी फिसड्डी, बच्चे गणित, विज्ञान, अंग्रेजी सबमें कमजोर
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डीएनए हिंदी: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ही नहीं शिक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. पाकिस्तानी छात्र अंग्रेजी, गणित और विज्ञान में काफी कमजोर हैं. पाकिस्तान के ही एक विश्वविद्यालय ने देश भर में किए सर्वे में यह बात सामने आई है. सर्वे में पता चला है कि पाकिस्तान में प्राथमिक और जूनियर सेकेंडरी स्कूलों के 90% से ज्यादा छात्र कमजोर पाए गए हैं. उनमें गणित और विज्ञान की बेसिक समझ भी नहीं है. पाकिस्तानी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल की खबर के अनुसार आगा खान विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट फॉर एजुकेशनल डेवलपमेंट पाकिस्तान (आईईडी) के किए सर्वे में यह बात सामने आई है. 

153 स्कूलों में किया गया सर्वे
सर्वे के तहत देश भर के 153 सरकारी और निजी स्कूलों में क्लास 5, 6 और 8 के 15,000 से ज्यादा बच्चे गणित और विज्ञान की स्टैंडर्ड परीक्षा में बैठे थे. पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग की ओर से कराए इस सर्वे के अनुसार जब मूल्यांकन किया गया तो छात्रों का गणित में औसत अंक 100 में से 27 और विज्ञान में औसत अंक 100 में से 34 रहा है.

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1 फीसदी बच्चे ही 80% ज्यादा अंक ला सके 
इस सर्वे में यह भी पता चला कि सिर्फ 1 फीसदी छात्रों ने किसी भी विषय में 80 से ज्यादा नंबर पाए हैं. 80 से ज्यादा नंबर पाने वाले छात्रों को ‘अच्छी समझ’ के अंतर्गत रखा गया है. सर्वे में कहा गया है कि निजी स्कूलों में औसत अंक सरकारी स्कूलों की तुलना में ज्यादा था. किसी भी विषय में 40 से अधिक नहीं था. पंजाब में औसत अंक देश के सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक था. हालांकि वहां भी किसी भी विषय में 40 से अधिक नहीं था.

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सर्वे में ज्यादातर बच्चों के माता-पिता भी कम पढ़े-लिखे हैं
इस सर्वे में कुल 78 सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और 75 निजी स्कूलों ने भाग लिया था. इनमें से 80% छात्र उच्च विद्यालय या उससे कम शिक्षा प्राप्त माता-पिता के बच्चे थे. अध्ययन से जुड़ीं सहायक प्रोफेसर नुसरत फातिमा रिजवी ने कहा कि विज्ञान और गणित की शिक्षा पर भागीदारों और नीति निर्माताओं को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.

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