पाकिस्तान के कुख्यात आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान की जनता ने एक सिरे से नकार दिया है. उसकी पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) की जगह-जगह हार हो रही है. हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद अपनी सीट नहीं बचाया पाया है. तल्हा सईद NA-122 (लाहौर) से चुनाव हार गया है.
हाफिज तल्हा सईद को लश्कर-ए-तैयबा में नंबर 2 की हैसियत रखता है. गृहमंत्रालय ने उसे UAPA के तहत आतंकी घोषित किया . तल्हा सईद भारत में लश्कर-ए-तैयबा की भर्ती, फंडिंग, हमलों को अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है.
भारत तल्हा सईद को संयुक्त राष्ट्र-लिस्टेड आतंकवादी के रूप में नामित कराने की भी कोशिश कर रहा है. चीन तल्हा सईद पर हमेशा मेहरबानी दिखाता है.
हाफिज तल्हा सईद पहली बार साल 2019 में सुर्खियों में आया था. एक जलसे में वह भाषण देने जा रहा था, तभी एक जगह ब्लास्ट हुआ और कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए. उसने लाहौर के NA-122 विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन बुरी तरह हारा.
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पाकिस्तान चुनाव में हाफिज सईद की पार्टी को करारी हार मिली है. उसने अपनी पार्टी से ज्यादातर अपने रिश्तेदारों को ही चुनाव लड़वाया था, जिन्हें पाकिस्तान की आवाम ने एक सिरे से खारिज दिया. साल 2018 के चुनावों में उसने अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक पार्टी से 265 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन एक भी उम्मीदवार जीत नहीं सका. उसने इस बार पाकिस्तानी मरकज़ी मुस्लिम लीग नाम की एक नई पार्टी बनाई लेकिन तनीजा जस का तस रहा.
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