डीएनए हिंदी: India Vs Pakistan- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए दिसंबर में 'गुजरात का कसाई' जैसी अभद्र भाषा इस्तेमाल करने वाले पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) भारत आने वाले हैं. भुट्टो मई में गोवा में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत करेंगे. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी पुष्टि की है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने बताया कि भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बुलावे पर हो रही बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा, जिसका नेतृत्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो करेंगे. यह मीटिंग 4 और 5 मई को होगी. यह पिछले 12 साल में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री का पहला भारत दौरा होगा.
जनवरी में दिया था भारत ने न्योता
भारत की तरफ से SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री को शामिल होने का न्योता इस साल जनवरी में दिया गया था. यह न्योता भुट्टो को इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त ने सौंपा था. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि मीटिंग में शिरकत करना हमारी तरफ से एससीओ चार्टर और प्रक्रियाओं के लिए प्रतिबद्धता और पाकिस्तानी विदेश नीति में इसकी अहमियत को दर्शाता है. बता दें कि SCO में चीन, भारत, रूस, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देश शामिल हैं.
बिलावल ने कर दी थी इतनी आपत्तिजनक टिप्पणी
बिलावल भुट्टो जरदारी पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं. उन्होंने पिछले साल दिसंबर में न्यूयॉर्क में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. दरअसल विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए फटकार लगाई थी. जयशंकर ने कहा था कि अलकायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन को पनाह देने वाले और पड़ोसी देश की संसद पर हमला कराने वाले देश को उपदेश नहीं देना चाहिए. इस पर भुट्टो ने कहा था, मैं भारत को बता दूं कि लादेन तो मर चुका है, लेकिन 'गुजरात का कसाई' अभी जिंदा है और भारत का प्रधानमंत्री बना हुआ है.
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पुलवामा हमले के बाद से खराब
फरवरी, 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद से भारत-पाकिस्तान के रिश्ते खराब हैं. भारत ने इसके बदले में बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप को बरबाद कर दिया था. अगले दिन पाकिस्तान ने भारत में एयर स्ट्राइक की कोशिश की थी, जिसके जवाबी हमले में इंडियन एयर फोर्स ने पाकिस्तानी F-16 विमान को मार गिराया था. हालांकि इस भिड़ंत के दौरान भारतीय मिग-21 बायसन भी क्रैश हो गया था, जिसमें सवार भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान ने गिरफ्तार कर लिया था. बाद में उन्हें वापस भारत को सौंप दिया गया था.
पीएम मोदी ने की थी रिश्ते सुधारने की कोशिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में पहली बार शपथ ग्रहण करने के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्ते सुधारने की कोशिश की थी. उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण में बुलाया था. इसके बाद साल 2015 में पीएम मोदी ने अचानक पाकिस्तान पहुंचकर सभी को चौंका दिया था. उन्होंने नवाज शरीफ की नातिन मेहरुन्निसा की शादी में उसे आशीर्वाद दिया था और नवाज शरीफ को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थीं. लेकिन 18 सितंबर, 2016 को कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के शिविर पर आतंकी हमले में जवानों की मौत के बाद पाकिस्तान के साथ रिश्ते बिगड़ने शुरू हो गए थे, जिनमें तनाव पुलवामा हमले के बाद अपने चरम स्तर पर पहुंच गया था.
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