डीएनए हिंदी: Pakistan सरकार पूर्व पीएम नवाज शरीफ की तरफ काफी नर्म रुख अपना रही है. ताजा अपडेट यह है कि शरीफ सरकार नवाज शरीफ पर लगे पुराने सभी करप्शन केस खत्म करने के बारे में विचार कर रही है. ऐसा इसलिए ताकि उन्हें एक नए सिरे से कोर्ट में अपील करने का मौका मिले.
72 वर्षीय नवाज शरीफ तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं. इमरान सरकार ने उनके खिलाफ करप्शन के कई मामले दर्ज करवाए थे. दोषी पाए जाने पर उन्हें सजा सुनाई गई लेकिन साल 2019 में जब लाहौर हाईकोर्ट ने उन्हें इलाज के लिए विदेश जाने की इजाजत दी तो वह लंदन चले गए थे.
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पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा, सरकार के पास यह ताकत थी कि वह दोषी पाए गए शख्स की सजा रद्द करे और उसे दोबारा अपील करने का मौका दे. ताकि वह साबित कर सके कि उसे गलत तरीके से पेश कर सजा दिलवाई गई है. शायद यह सब उस वक्त पीएम रहे इमरान खान को राहत देने के लिए किया गया था. नवाज शरीफ की बात करें तो वह अपनी सेहत के हिसाब से वतन वापसी करेंगे.
बता दें कि शरीफ को साल 2017 में कुर्सी से हटाया गया था. यह सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद हुआ था. इसके बाद साल 2018 में उन्हें करप्शन के दो अलग-अलग मामलों में आरोपी बनाया गया. शरीफ को लंदन में प्रॉपर्टी होने के चलते दस साल की सजा सुनाई गई लेकिन दो महीने बाद जब कोर्ट ने इस सजा को रद्द किया तो उन्हें रिहा कर दिया गया. 2018 दिसंबर में करप्शन के मामले में उन्हें फिर जेल भेजा गया. इस बार उन्हें सात साल की सजा दी गई. जेल में बीमारी को आधार बनाते हुए उन्होंने कोर्ट से लंदन जाने की इजाजत मांगी. उन्हें 4 महीने की इजाजत मिली लेकिन इसके बाद वह कभी वापस नहीं लोटे.
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शरीफ ने अपनी सजा के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी लेकिन सुनवाई में खुद मौजूद न होने की वजह से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. कोर्ट की तरफ से तमाम चेतावनियां मिलने के बाद भी शरीफ पेश नहीं हुए. कोर्ट का कहना था कि अगर वह पेश नहीं होते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाएगा.
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