डीएनए हिंदी: भारत की तरह पाकिस्तान में भी लू (Heatwave) जोरदार तरीके से कहर बरपाती है. यहां वर्ष 2015 में करीब 1,300 लोगों की मौत हीट स्ट्रोक्स (Heatstroke) के चलते हो गई थी और आलम यह था कि मृतकों को दफनाने के लिए कब्र (Graveyard) में जगह नहीं बची. वर्ष 2016 में भी पाकिस्तान के कराची में गर्म हवाओं के चलते बहुत से लोग मारे गए. कराची और आसपास के इलाकों में गर्मियों में पारा 44-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और इसके चलते हर साल यहां दर्जनों लोग मौत के शिकार हो जाते हैं. यह बताया जाता है कि ज्यादातर मौतें कराची के गरीब इलाकों में रहने वाले लोगों की होती है. आपको बता दें कि पाकिस्तान से गर्म हवाओं के थपेड़े भारत की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं और यहां के कई राज्यों में गर्मी की हालात बेकाबू बनाने में सहायक साबित होते हैं.
क्यों खोदे गए सामूहिक कब्र
वर्ष 2015 में हुई सैंकड़ों मौतों के बाद वर्ष 2016 में सबक लेते हुए पाकिस्तान प्रशासन ने तीन कब्र बड़े कब्र खुदवाए. इन कब्रिस्तानों को ईदी फाउंडेशन संचालित करता है. इन कब्रों में 300 से ज्यादा लोगों के दफनाए जाने की सुविधा रखी गई. कराची में गर्मी के चलते होने वाली मौत की वजहों में 9-9 घंटे टेक्सटाइल उद्योगों, बॉयलर और हीटर के सामने काम करना शामिल है.
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यहां टूट गए थे सारे रिकॉर्ड
वर्ष 2015 में प्रचंड गर्मी के चलते पूरा कराची शहर झुलस रहा था तब अस्पताल, मुर्दाघर और कब्रिस्तान नाकाफी साबित हुए थे. कराची का तापमान 44 डिग्री से ऊपर पहुंच गया था. यह तापमान 1981 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर था. यहां गर्मियों में सामान्यत: तापमान 37 डिग्री के आसपास रहता है. गर्म हवा के थपेड़ों के शिकार होकर नशा करने वालों, दिहाड़ी मजदूर और बुजुर्ग और बच्चे बड़ी संख्या मारे गए.
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