Pakistan: Imran Khan ने विपक्ष को दिया बड़ा ऑफर! अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने की रखी शर्त

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 31, 2022, 04:48 PM IST

Imran Khan

Imran Khan ने पाकिस्तान के विपक्षी दलों के सामने बड़ा ऑफर रखा है लेकिन इसके लिए शहबाज शरीफ को अविश्वास प्रस्ताव वापस लेना होगा.

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान में सियासी संकट गहराता जा रहा है. पाकिस्तान के जीयो न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्षी दलों को असेंबली भंग करने का ऑफर दिया है. सूत्रों के अनुसार, अगर विपक्ष इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लेता हैं तो इमरान खान असेंबली भंग कर देंगे. पाकिस्तान के जीओ न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि एक बेहद महत्वपूर्ण व्यक्ति ने इमरान खान का मैसेज नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को दिया है.

आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए पाक संसद में बैठक
इमरान खान के खिलाफ संयुक्त विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए संसद के निचले सदन की बैठक अब से कुछ देर में होगी. इमरान सरकार दो प्रमुख सहयोगियों के सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होने के बाद बहुमत खो चुकी है.

नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ 28 मार्च को पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू करेंगे. शरीफ ने पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद ए-95 के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था और इस पर 161 सदस्यों ने दस्तखत किए हुए हैं.

अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान तीन अप्रैल को होने की उम्मीद है, जिससे पहले दोनों पक्ष संसद में इस पर बहस करेंगे. इमरान सरकार के दो अहम सयोगियों-मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के विपक्षी मोर्चे में शामिल होने के बाद से विपक्ष की स्थिति और मजबूत हो गई है.

हालांकि, इमरान पर इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच उनके मंत्रियों का कहना है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ‘आखिरी ओवर की आखिरी गेंद’ तक लड़ाई जारी रखेंगे. इमरान को उनकी सरकार गिराने की विपक्ष की कोशिशों को नाकाम करने के लिए 342 सदस्यीय निचले सदन में 172 वोट की जरूरत है. 

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने दावा किया है कि विपक्ष के पास 175 सांसदों का समर्थन है और प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. पाकिस्तान में कोई भी प्रधानमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है. साथ ही पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अपदस्थ नहीं हुआ है और इमरान इस चुनौती का सामना करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं.

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