महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान की अब IMF ने तोड़ी कमर, लगाई ऐसी शर्तें PM शहबाज शरीफ का छलका दर्द

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 03, 2023, 07:24 PM IST

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ. (फाइल फोटो)

पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, 'अगर पाकिस्तान ने IMF की सभी शर्तों को मानकर उसके बेलआउट पैकेज को हासिल नहीं किया तो वह डिफॉल्ट हो जाएगा.'

डीएनए हिंदी: बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) का विदेशी मुद्रा भंडार 16.1 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के साथ 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक एसबीपी ने शुक्रवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष के अंत में उसका विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 3.09 अरब डॉलर पर आ गया. पाकिस्तान की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि अब उसे डिफॉल्ट होने से बचने के लिए सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ही सहारा बचा है. लेकिन IMF ने भी ऐसी शर्तें रखी हैं जिससे पाकिस्तान की हालत और खराब हो गई.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान जिन आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री इशाक डार और उनकी टीम बुरे दौर से गुजर रही है. बता दें कि IMF की टीम पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के लोन प्रोग्राम में शामिल करने के लिए 9वीं बैठक कर रही है. टीम 9 फरवरी को पाकिस्तान के वित्त मंत्री और उनकी टीम के साथ अपनी शर्तों को लेकर बात करेगी. 

डिफॉल्ट की कगार पर पाकिस्तान
पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि देश के पास IMF बेलआउट पैकेज को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. इसलिए वह इस प्रोग्राम को मंजूरी देने की प्रक्रिया अपना रहे हैं. अगर देश में IMF प्रोग्राम को नहीं अपनाएगा तो डिफॉल्ट हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी चुनौती अकल्पनीय है. आईएमएफ की समीक्षा पूरी करने के लिए हमें जिन शर्तों को पूरा करना है, वे कल्पना से परे हैं.

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IMF की कुछ शर्तें लागू होने के बाद पाकिस्तान में महंगाई और बढ़ गई है. पाकिस्तान का रुपया लगातार लुढ़क रहा है. देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत 16% और एलपीजी की कीमतों में 30% की बढ़ोतरी की गई है. विदेशी कर्ज भुगतान की वजह से देश में मुद्रा भंडार में 59.2 करोड़ डॉलर की गिरावट आई है.  स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने कहा कि इस समय देश में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 8.74 अरब डॉलर है. इसमें से 5.65 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा वाणिज्यिक बैंकों के पास जमा है.

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एक डॉलर पाकिस्तान के 270 रुपये के बराबर
आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि यह विदेशी मुद्रा पाकिस्तान की सिर्फ तीन हफ्तों की आयात जरूरतों को ही पूरा कर सकता है. निवेश फर्म आरिफ हबीब लिमिटेड के एक विश्लेषक ने कहा कि यह फरवरी, 2014 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे निचला स्तर है. पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक ने पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा विनिमय दर पर लगी सीमा हटा दी थी. इस समय पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले करीब 270 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा है.

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