डीएनए हिंदी: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने नेशनल असेंबली में अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No-Trust Vote) पर वोटिंग से कुछ घंटे पहले, शुक्रवार को उन्होंने अपने समर्थकों से गुहार लगाई है कि नई आयातित सरकार (Imported Government) के सत्ता में आने पर वह रविवार को देशभर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करें.
अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार को मतविभाजन से पहले राष्ट्र के नाम एक संबोधन में इमरान खान ने अपने समर्थकों से रविवार शाम को सड़क पर उतरने के लिए कहा. नेशनल असेंबली में खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान कई चमत्कार होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. पाकिस्तान में इमरान सरकार का जाना तय है.
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बाहर आकर विदेशी ताकतों के खिलाफ खड़ें हों लोग
इमरान खान ने कहा है कि लोग बाहर आएं और विदेशी साजिश को खारिज करें. उन्होंने लोगों से बाहर आने और सरकार को हटाने की विदेशी साजिश को खारिज करने की अपील की है. इमरान खान ने एक बार फिर भारत की प्रशंसा करते हुए कहा है कि यह महान सम्मान की भावना वाला देश है. इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के लिए नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष के कदम को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था. इमरान खान ने इस मामले पर निराशा जताई है.
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इमरान खान की अपील- सड़क पर उतरें लोग
इमरान खान ने कहा, 'मैं इस आयातित सरकार को स्वीकार नहीं करूंगा, मैं सड़क पर उतरूंगा. केवल लोग ही मुझे सत्ता में ला सकते हैं और मैं लोगों की मदद से वापस आऊंगा. नई सरकार के संभावित गठन के बाद पाकिस्तान की आवाम रविवार शाम को सड़क पर उतरे.'
इमरान खान ने चुनावों की घोषणा करने और देश का सामना करने के लिए विपक्ष पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, 'इसलिए मैंने सदन भंग कर दी, क्योंकि मैं चाहता हूं कि लोग नई सरकार चुनें.'
बहुमत से कोसों दूर हैं इमरान खान
पाकिस्तान की संसद में 342 सांसद हैं. इमरान खान को सदन में बहुमत साबित करने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी जो उनके पास नहीं है. इमरान खान पाकिस्तान के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बनने वाले हैं जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल कर दिया जाए.
भारत की तारीफ में पढ़े कसीदे
इमरान खान ने कहा, 'कोई भी महाशक्ति भारत को उसके हितों के खिलाफ कुछ भी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकती. भारत प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल खरीद रहा है. कोई भी भारत को हुक्म नहीं दे सकता. यूरोपीय संघ के राजदूतों ने यहां जो कहा, क्या वे भारत को भी कह सकते हैं? वे इसलिए ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है.'
नेशनल असेंबली होगी बहाल
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल के नेतृत्व वाली 5-सदस्यीय बेंच ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष का फैसला बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश दिया था.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नेशनल असेंबली भंग करने और समय से पहले चुनाव कराने का प्रधानमंत्री का कदम असंवैधानिक था. सुप्रीम कोर्ट ने निचले सदन के अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का भी आदेश दिया था. पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोले इमरान खान?
इमरान खान ने कहा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका का सम्मान करता हूं, लेकिन शीर्ष अदालत को अपना फैसला देने से पहले एक धमकी भरे पत्र पर गौर करना चाहिए था. मैं फैसले से दुखी हूं, लेकिन मैं इसे स्वीकार करता हूं. कोर्ट कम से कम दस्तावेज मांग सकती थी और देख सकती थी, क्योंकि यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है और अदालत में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई.'
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