Pakistan Political Crisis: गिर गया कप्तान का विकेट, अविश्वास प्रस्ताव हारे इमरान खान

पुष्पेंद्र शर्मा | Updated:Apr 10, 2022, 01:49 AM IST

पाकिस्तान की सियासत का लास्ट ओवर शुरू हो चुका है.

खान की पार्टी के सदस्यों से कहा था कि जितना संभव हो सके वोट में देरी करने की कोशिश करें.

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिर गई है. पीटीआई सरकार के खिलाफ नेशनल असेंबली (NA) में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई देर रात वोटिंग में 174 सांसदों ने इमरान खान को हटाने पर मुहर लगा दी. इन सांसदों ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को बहुमत के लिए 172 सांसदों की जरूरत थी लेकिन उसे 142 सांसदों का ही समर्थन मिला था. 

जियो न्यूज के अनुसार, NA अध्यक्ष असद कैसर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने के लिए सहमत होने के बाद वोटिंग शुरू हुई. वहीं इमरान खान शाह, महमूद कुरैशी और फवाद चौधरी को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डालने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अनुरोध किया गया है. पाकिस्तान के मंत्री फवाद हुसैन ने कहा, पाकिस्तान के लिए दुखद दिन, लुटेरों की वापसी, एक अच्छे आदमी को घर भेजा.

सुरक्षा तैनात

पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले इस्लामाबाद में पाकिस्तान नेशनल असेंबली के बाहर सुरक्षा तैनात कर दी गई. देर रात सियासी संकट के बीच नेशनल असेंबली के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था.  वहीं रात 12 बजे सुप्रीम कोर्ट और इस्लामाबाद हाईकोर्ट खोल दी गई थी. चीफ जस्टिस बंदियाल अचानक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. 

हवाईअड्डों पर अलर्ट
हवाईअड्डों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है. बिना एनओसी के बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही यहां सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. अस्पतालों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है. संसद भवन के बाहर कैदी वैन तैनात की गई है. इससे पहले स्पीकर नेशनल असेंबली असद कैसर ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से इनकार कर दिया था. 

सूत्रों के अनुसार, स्पीकर ने कहा कि चूंकि उनका प्रधानमंत्री के साथ 30 साल का रिश्ता है, इसलिए वह मतदान नहीं होने दे सकते. वहीं प्रमुख राजनेताओं के खिलाफ हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रहे पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने अपने कार्यालय से इस्तीफा दे दिया. जांच एजेंसी ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की. 

क्या था इमरान का मास्टरस्ट्रोक? 

इमरान चाहते थे कि शनिवार रात अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग न हो इससे फिलहाल उनकी कुर्सी बच जाती लेकिन स्पीकर समेत देरी करने वाले सांसदों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना पर कार्यवाही की तैयारी कर दी गई. इसके बाद अचानक हालात बदल गए और वोटिंग जल्द से जल्द कराने का निर्णय लिया गया. 

हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को गलत बताते हुए इमरान खान को झटका दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि इमरान सरकार ने इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की है. पाकिस्तान के I & B मंत्री चौधरी फवाद हुसैन को इस बात का अहसास हो गया था कि उनकी सरकार जाने वाली है. उन्होंने पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले अपने ट्विटर अकाउंट का बायो पूर्व I & B मंत्री कर लिया था. 

वोट में देरी करने की कोशिश 
खान की पार्टी के सदस्यों ने शुक्रवार को सुझाव दिया था कि वे जितना संभव हो सके वोट में देरी करने की कोशिश करें. उनके सहयोगियों ने पिछले रविवार को इसी तरह मतदान को रोक दिया था लेकिन देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इस कदम को असंवैधानिक करार दिया. 

देश में चल रहे सियासी संकट पर शनिवार को मतदान होने की उम्मीद थी. प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के भाग्य का फैसला करने के लिए नेशनल असेंबली का ऐतिहासिक सत्र शनिवार सुबह 10:30 बजे शुरू हुआ. हालांकि कुछ ही समय बाद अध्यक्ष असद कैसर ने सत्र स्थगित करने का फैसला किया. इसके बाद सत्र दोपहर 2:30 बजे फिर से शुरू हुआ और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपना भाषण जारी रखा. 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री और पीटीआई नेता शाह महमूद कुरैशी नेशनल असेंबली में कहा, इस कौम से गद्दारी कौन कर रहा है यह अवाम तय करेगी. उन्होंने कहा, आज आजमाइश है. तराजू में रखकर तोलना पाकिस्तान के खिलाफ सियासी कूवतें एक तरफ और इमरान खान एक तरफ. देखते हैं पाकिस्तान कौन बचाएगा? उन्होंने कहा, पाकिस्तान का वोटर एक-एक को पहचान रहा है. कुरैशी ने कहा, पाकिस्तान एक संप्रभु राज्य है. मैं रिकॉर्ड में लाना चाहता हूं कि यूएस एनएसए ने पाकिस्तान के एनएसए को बुलाया और हमें रूस नहीं जाने का आदेश दिया. इस तरह से किस देश को आदेश दिया गया है? 

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा, इमरान खान डरते हैं. आज भी वह यहां नहीं पहुंचे हैं. इमरान चाहते हैं कि मिलिट्री रूल हो और लोकतंत्र खत्म हो जाए. 

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