डीएनए हिंदी: सोशल मीडिया पर कब्रों के ताले की तस्वीर को लेकर कई अलग-अलग तरह के दावे किए गए थे. ज्यादातर लोगों ने इसे पाकिस्तान की तस्वीर बताया. दावा किया गया था कि पाकिस्तान में अपनी बेटियों के शवों को बलात्कारियों से बचाने के लिए लोग उनकी कब्रों पर ताला जड़ रहे हैं. इसका वीडियो भी वायरल हुआ. हालांकि, बाद में जब वीडियो की सच्चाई सामने आई तो पता चला कि मामला कुछ और ही है.
दरअसल, पाकिस्तान में नेक्रोफिलिया और बढ़े हुए यौन उत्पीड़न की खबरों का श्रेय डेली टाइम्स नामक एक समाचार एजेंसी को दिया गया था. इसी के हवाले से एक क्रब की तस्वीर शेयर की गई थी. जिसमें हरे रंग की लोहे की ग्रिल और ताला लगा था. इस तस्वीर को लेकर दावा किया गया था कि पाकिस्तान में महिलाओं के शवों से हो रहे बलात्कार से बचाने के लिए लोग कब्रों में ताला लगा रहे हैं.
भारत की है यह तस्वीर
असल में पाकिस्तान में नेक्रोफिलिया के मामलों के बारे में डेली टाइम्स की खबर बिना किसी तस्वीर के छापी गई थी. उस खबर में क्रब की कोई तस्वीर साझा नहीं की गई थी. मामले की पड़ताल करने के बाद पता चला कि जो क्रब की तस्वीर वायरल हो रही है, वह असल में पाकिस्तान की नहीं बल्कि भारत के हैदराबाद की है. यह कब्र हैदराबाद के मदन्नपेट की दरबजंग कॉलोनी के E-Salar Mulk की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, तस्वीर और वीडियो में दिखाई गई तस्वीर उस महिला की की है. जिसकी मौत करीब दो साल पहले हो गई थी. कब्रिस्तान के गूगल स्ट्रीट व्यू में कब्र के ऊपर हरी लोहे की ग्रिल और ताला लगा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने भी इसकी पुष्टि की है. ताला लगाने की वजह यह थी कि वहां कोई और कब्र न दफना सके.
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