Pakistan Viral Video: भले ही कल तक अफगानिस्तान को पाकिस्तान के रहमोकरम पर टिका हुआ देश माना जाता था और वहां तालिबान की सत्ता कायम कराने में पाकिस्तानी सेना की अहम भूमिका रही है, लेकिन अब अफगानिस्तान भी पाकिस्तान को तवज्जो नहीं दे रहा है. दरअसल पाकिस्तान में एक कार्यक्रम में बुलाए गए अफगानिस्तान के राजनयिकों ने उस समय खड़ा होने से इंकार कर दिया, जब कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान का राष्ट्रगान बजाया जा रहा था. परंपरा के तहत किसी देश का राष्ट्रगान बजाए जाने के समय दूसरे देश के राजनयिक सम्मान में उस देश के लोगों के साथ खड़े होते हैं. इसके उलट अफगान राजनयिक पाकिस्तानी राष्ट्रगान के दौरान बैठे रहे और मोबाइल चलाते रहे. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है, जिसके बाद लोग इसे देश का अपमान बताते हुए नाराज हो रहे हैं. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भी इसे लेकर तीखा बयान जारी किया है.
खुद ही बुलाया गया था अफगानिस्तान के राजनयिक को
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत की राजधानी पेशावर में पैगंबर मोहम्मद के जन्म दिवस रबी उल अव्वल के मौके पर सरकारी समारोह आयोजित किया गया था. इस समारोह में खैबर पख्तूनख्वाह के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर शामिल हुए थे. अमन अली गंडापुर के साथ पेशावर में अफगान तालिबान की तरफ से तैनात काउंसल जनरल हाफिज मोहिबुल्लाह शाकिर और उनके डिप्टी को भी बुलाया गया था. दोनों इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे. कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान का राष्ट्रगान बजाया जाने लगा, जिस पर अली अमीन गंडापुर समेत सभी लोग खड़े हो गए, लेकिन दोनों अफगानी राजनयिक नीचे ही बैठे रहे. उन्हें खड़े होने के लिए कहा गया तो उन्होंने इंकार कर दिया. इस दौरान हाफिज का डिप्टी मोबाइल फोन चलाता रहा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसे देखकर लोग इसे पाकिस्तान का अपमान बता रहे हैं और अफगान राजनयिकों को देश से निकालने की मांग कर रहे हैं.
'कूटनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ काम'
पाकिस्तान सरकार ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने इसे मेजबान देश के राष्ट्रगान का अपमान और कूटनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ काम बताया है. उन्होंने कहा है कि हमने इस्लामाबाद और काबुल में अफगानिस्तान के अधिकारियों के सामने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई है. यह काम पूरी तरह निंदनीय है.
'संगीत हमारे यहां प्रतिबंधित है'
इस पूरे विवाद पर अफगानी अधिकारियों ने कहा है कि उनके राजनयिक पाकिस्तान का अपमान नहीं करना चाहते थे. पेशावर में मौजूद अफगान काउंसलेट के प्रवक्ता ने कहा,'राष्ट्रगान में संगीत था और हमने अपने राष्ट्रगान में संगीत को प्रतिबंधित कर दिया है. इसी कारण अफगान काउंसल जनरल खड़े नहीं हुए. यदि पाकिस्तानी राष्ट्रगान को बिना संगीत के बजाया जाता तो अफगान राजनयिक निश्चित तौर पर खड़े होते.'
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