इस देश में 22 हजार रुपये लीटर मिल रहा है Palm Oil, ये है वजह

| Updated: Apr 21, 2022, 02:46 PM IST

इंडोनेशिया खुद संकट से गुज़र रहा है क्योंकि अब इंडोनेशिया ज़रूरत से ज़्यादा PALM OIL निर्यात करने लगा है. पढ़ें के. टी. अल्फी की रिपोर्ट

डीएनए हिंदीः श्रीलंका (Srilanka) के बाद अब इंडोनेशिया (Indonesia) के लोगों पर भी महंगाई की मार पड़ने लगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि अब इंडोनेशिया में 1 लीटर PALM OIL की कीमत 22,000 हजार रुपये हो चुकी है जिसका असर भारत पर भी पड़ रहा है. रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते रिफाइंड, सोया और SUNFLOWER OIL की कीमतों में इजाफा हो ही रहा था कि अब इंडोनेशिया में PALM OIL के संकट ने भी गंभीर स्थिति पैदा कर दी है. अब PALM OIL की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच गई हैं.

PALM OIL का सबसे बड़ा उत्पादक इंडोनेशिया को माना जाता है. इंडोनेशिया खुद संकट से गुज़र रहा है क्योंकि अब इंडोनेशिया ज़रूरत से ज़्यादा PALM OIL निर्यात करने लगा है जिसके वहां के लोगों को ही PALM OIL की किल्लत झेलनी पड़ रही है. PALM OIL की तुलना सोने से की जा रही है क्योंकि इसी साल मार्च में 1 लीटर रिफाइंड PALM OIL की कीमत 22000 रुपये पहुंच गई थी. आसमान छूती PALM OIL की कीमत का असर दुनिया भर में देखने को मिल रहा है. भारत पर भी इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है क्योंकि इंडोनेशिया सबसे अधिक सीपीओ (CRUDE PALM OIL) का निर्यात अन्य देशों में करता है. इसका सीधा असर VEGETABLE OIL पर भी पड़ता दिख रहा है क्योंकि हर घर में वनस्पति तेल का इस्तेमाल भरपूर होता है.

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रूस-यूक्रेन युद्ध और इंडोनेशिया के व्यापारियों की जमाखोरी से बढ़ी कीमत
PALM OIL की कीमतों के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है रूस-यूक्रेन युद्ध. दरअसल यूक्रेन और रूस को SUNFLOWER और SOYABEAN OIL का सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनका योगदान 80 फीसदी के करीब है लेकिन 24 फरवरी के बाद से युद्ध के चलते दोनों देशों की तरफ से तेल की सप्लाई बंद कर दी गई. SUNFLOWER और SOYABEAN तेल की सप्लाई ठप्प होने के बाद लोगों ने अपना रुख PALM OIL की तरफ मोड़ा क्योंकि PALM OIL एक SUBSTITUTE के तौर पर भी कई लोग इस्तेमाल करते हैं. बढ़ती मांग के कारण अब PALM OIL भी सोने के भाव बिकने लगा. 

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जमाखोरी से भी बढ़ी कीमतें 
पाम ऑयल की कीमतें बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है जब इंडोनेशिया की सरकार ने कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश की तो जमाखोरी और बढ़ने लगी. इंडोनेशियन सरकार ने एक लीटर ब्रांडेड ऑयल की कीमत 14,000 इंडोनेशियाई रुपये तय की थी और CPO की कीमत 9,300 रुपये तय कर दी थी. यह भी तय कर दिया गया कि आम आदमी एक बार में 2 लीटर तेल ही खरीद सकेगा और CPO एक्सपोर्टर के लिए यह भी तय कर दिया गया की 30 फीसदी प्रतिशत उत्पाद घरेलू बाजार में बेचा जाएगा मगर इन कारोबारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और PALM OIL की जमाखोरी शुरू कर दी.

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भारत पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ?
PALM OIL की आसमान छूती कीमत का भारत पर गहरा असर देखने को मिल रहा है. आपको बता दें कि भारत vegetable oil का सबसे बड़ा आयात करने वाला देश है क्योंकि भारत में घर घर में वनस्पति तेल कि ज़रूरत होती है. भारत अपने खाद्य तेलों की खपत का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है, और पाम तेल खाद्य तेलों के आयात का लगभग 60 प्रतिशत है. इंडोनेशिया के PALM OIL संकट के चलते भारत में भी खाद्य तेलों की कीमत में 20 से 25 प्रतिशत का इज़ाफ़ा किया है. ऐसे में अगर स्थिति सामान्य नहीं होती तो भारत को भी परिस्थिति के मुकाबले के लिए तैयारी करनी होगी.

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