'शांति से सुलझाइए यूक्रेन विवाद, हम हैं साथ' जानें Vladimir Putin से मुलाकात में PM Modi ने क्या रखा है प्रस्ताव

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Oct 22, 2024, 06:25 PM IST

Brics Summit में पहुंचे PM Modi ने व्लादिमीर पुतिन को देखते ही गले लगा लिया. 

Modi Putin Meeting in BRICS Summit: ब्रिक्स देशों के समूह यानी भारत, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका का शिखर सम्मेलन रूस के कजान में हो रहा है. इस सम्मेलन से इतर पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की द्विपक्षीय मीटिंग हुई है.

Modi Putin Meeting in BRICS Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दोस्त और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की है. रूस के कजान में आयोजित हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) से इतर दोनों नेताओं की द्विपक्षीय मुलाकात हुई है, जिसमें पीएम मोदी ने फिर से रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के शांतिपूर्ण समझौते की अपील की है. मोदी ने पुतिन को यूक्रेन विवाद शांति से सुलझाने के लिए भारत के हर तरह की मदद देने का प्रस्ताव भी दिया है. मोदी ने पुतिन से कहा कि भारत किसी भी टकराव को शांति से सुलझाने में यकीन करता है. 

पुतिन के गले मिले मोदी, फिर कही अपनी बात

पीएम मोदी और पुतिन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात होने पर एक-दूसरे का गले लगकर स्वागत किया. इसके बाद दोनों ने सभी मुद्दों पर बात की. पीएम मोदी ने बताया, 'हम रूस-यूक्रेन समस्या के समाधान के लिए दोनों ही पक्षों के संपर्क में हैं. हमने अपना पक्ष हमेशा स्पष्ट रखा है कि ऐसे किसी भी टकराव को वार्ता से समाधान करना चाहिए. हमें यकीन है कि इस टकराव का भी शांतिपूर्ण हल निकल सकता है. भारत हमेशा शांति प्रयास में मदद करने के लिए हर तरह से तैयार है.' 

रूस के तीन महीने में तीन दौरे किए मोदी ने याद

पीएम मोदी ने इस दौरान पिछले तीन महीनों के दौरान अपने तीन रूस दौरे को भी याद किया और कहा कि दोनों देशों आपस में खास और रणनीतिक साझेदारी शेयर करते हैं. पुतिन ने भी ये बात पीएम मोदी से बातचीत के दौरान स्वीकार की. बता दें कि पीएम मोदी को इस साल जुलाई में रूस ने अपने सबसे बड़े सिविलियन अवॉर्ड ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू से सम्मानित किया था. 

पश्चिमी प्रतिबंध के बावजूद रूस के साथ खड़ा रहा है भारत

भारत और रूस की साझेदारी केवल हथियारों तक ही  सीमित नहीं है. रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूसी पेट्रोल-डीजल का भारत सबसे बड़ा खरीदार रहा है. हालांकि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने यूक्रेन का साथ देने के लिए रूस को घेरने के मकसद से भारत की इस खरीदारी पर रोक लगाने की खूब कोशिश की है, लेकिन भारत ने हर बार यह कहा है कि अपने नागरिकों के हित में उसे जहां से तेल को लेकर अच्छी डील मिलेगी, वो खरीदने से पीछे नहीं हटेगा.

दुनिया के ताकतवर समूहों में शामिल है ब्रिक्स

बता दें कि ब्रिक्स समूह में भारत, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. इसे दुनिया के ताकतवर समूहों में शामिल किया जाता है. रूस में इसके 16वें शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस सम्मेलन में ब्रिक्स में 5 नए देशों को सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा. ब्रिक्स समूह में शामिल देशों की ताकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि दुनिया की 37% GDP में उनकी हिस्सेदारी है.

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